Thursday, May 2, 2024
ट्रैंडिंग न्यूज़दिल्ली

किसान आंदोलन में शामिल नहीं होंगे अन्ना, नए कानून लाकर केंद्र ने किसानों का नुकसान नहीं किया — गडकरी

नई दिल्ली —

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आंदोलनरत किसानों से नए कानूनों को लेकर एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत करने की अपील की है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा है कि यह देश के किसानों से जुड़ा मुद्दा है। इस पर किसी भी तरह राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसी भी तरह किसानों के साथ नाइंसाफी नहीं की जाएगी। गडकरी ने कहा कि सार्थक संवाद के बाद सरकार किसानों के अच्छे सुझावों को नए कृषि कानून में समायोजित करने को तैयार है। महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के किसानों के आंदोलन में शामिल होने की खबरों के बीच नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे इस आंदोलन में शामिल होंगे। गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह किसानों का अधिकार है कि वे अपनी उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को। उन्होंने कहा कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों को इन तीनों कानूनों को ठीक तरह से समझना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से समर्पित है। अगर किसान नए कानून को लेकर कुछ सुझाव देते हैं तो उनकी सरकार इन सुझावों को मानने के लिए तैयार है। गडकरी ने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में है, किसानों के साथ कोई नाइंसाफी नहीं होगी। नितिन गडकरी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर संवाद नहीं होता है, तो इससे भ्रम पैदा हो सकता है, फिर इससे विवाद जन्म लेता है  और अगर संवाद होता है तो समाधान निकाला जा सकता है।

उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय मिलेगा। हमलोग किसानों के हित में काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार कृषि कानून पर सभी अच्छे सुझावों को स्वीकार करने को तैयार है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार किसानों से बात करेगी और ताजा विवाद का स्वीकार्य समाधान निकालेगी। गडकरी ने कहा वे विदर्भ से हैं, जहां 10 हजार से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की है। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस समय भारत 8 लाख करोड़ रुपए के कच्चे तेल का आयात करता है, इसकी जगह हमलोग 2 लाख करोड़ की इथेनॉल इकोनॉमी बनाना चाहते हैं, जो फिलहाल केवल 20 हजार करोड़ रूपए का है अगर यह 2 लाख करोड़ का बिजनेस हो जाता है, तो 1 लाख करोड़ रुपए किसानों के पाकेट में जाएगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *