रहस्यमय बीमारी की वजह से राष्ट्रीय चर्चा में आया आंध्र प्रदेश का इलूरू
नई दिल्ली ———
पिछले कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश इलूरू का जिक्र हर जगह हो रहा है। यह आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले का मुख्यालय है। इस जिले ने देश को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी दिए हैं। लेकिन हाल के दिनों में एक रहस्यमय बीमारी की वजह से यह जगह चर्चा में है। पहले इस स्थान की चर्चा आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बा राव की वजह से की जाती थी, लेकिन आज इसका बीमारी की वजह से जिक्र किया जा रहा है।
हालांकि, बीते 48 दिनों से यहां पर इस रहस्यमय बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। पश्चिमी गोदावरी जिले के ज्वाइंट कलेक्टर हिमांशु शुक्ला के मुताबिक जिला अस्पताओं में बीते दो दिन से कोई नया मरीज सामने नहीं आया है। वहीं केवल चार पुराने मरीज ही इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। करीब 15 दिनों में इलूरू में इस रहस्यमय बीमारी की वजह से 622 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से पांच में से तीन मरीजों को दौरे पड़ने, जलन, उलटी, सिरदर्द और कमर में दर्द की शिकायत थी।
शुक्ला ने बताया कि अब हालात पूरी तरह से काबू में हैं। इस बीमारी की जांच के लिए मछलियों के भी सैंपल लिए गए हैं, हालांकि इस बीमारी की वजह मछलियां नहीं मानी जा रही हैं। शुक्ला के अनुसार यह किसी तरह का कोई वायरस नहीं था। उन्होंने कहा भगवान का शुक्र है कि संकट टल गया है। इस रहस्यमय बीमारी की खबर के बाद पूरे देश का ध्यान इस छोटे से इलाके पर लग गया। मेडिकल एक्सपर्ट का भी ध्यान इस तरफ गया।
यहां बीमारी का पता लगाने के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन के एक्सपर्ट भी आए थे। इसके अलावा सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलीकुलर बायोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नालॉजी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरओलॉजी, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और एम्स के डॉक्टर भी इस बीमारी का पता लगाने यहां पर आए थे। इस दौरान जांच में तमिलइलूरू और दूसरी नहरों का पानी भी काफी खराब पाया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक पानी सिंचाई के लिहाज से सही नहीं था। इस पानी में कई तरह के रसायन मौजूद थे।