Friday, April 26, 2024
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कांग्रेस ने सभी सांसदों को दी सदन में मौजूद रहने की हिदायत


नई दिल्ली =— किसान और कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर हो रहे विरोध के बीच कांग्रेस राज्यसभा में सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने सभी सदस्यों को रविवार को सदन में उपस्थित रहने की हिदायत दी है। क्योंकि, सरकार रविवार को इन विधेयकों को राज्यसभा में पेश कर पारित कराने की कोशिश कर सकती है। राज्यसभा में एनडीए का बहुमत नहीं है। इसके साथ एनडीए के घटकदल शिरोमणि अकाली दल भी इन विधेयकों के खिलाफ है। ऐसे कांग्रेस दूसरे गैर एनडीए दलों के साथ संपर्क कर रही है। पार्टी चर्चा के दौरान इन विधेयकों को सलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग करेगी। इसके लिए सरकार पर हरमुमकिन दबाव बना रही है। कृषि संबंधी विधेयकों को राज्यसभा से पारित कराने की भी तैयारी शुरू कर दी है। यह विधेयक ररिवार को राज्यसभा में लाए जा सकते हैं। इसे देखते हुए भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने को कहा है। हालांकि इस बीच विपक्ष से यह मांग भी उठने लगी है कि विधेयकों को प्रवर समिति को भेजा जाए। किसानों के विरोध को देखते हुए भाजपा के अंदर भी यह बात उठने लगी है कि आशंकाओं को समाप्त करने के लिए एमएसपी से कम पर खरीद न किए जाने को विधेयक में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कृषि विधेयकों के खिलाफ रणनीति तैयार करने के मद्देनजर द्रमुक ने अपने सहयोगी दलों की बैठक बुलाने की घोषणा की। यह बैठक 21 सितंबर को होगी। इस बैठक में लोकसभा में पारित हुए कृषि विधेयकों के विरोध को लेकर आगे की रणनीति एवं कदमों के बारे में चर्चा की जाएगी। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि इन विधेयकों के कारण कॉरपोरेट द्वारा कृषि उत्पादों की जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा और समर्थन मूल्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पंजाब के मुक्तसर जिले में कृषि संबंधी नए विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 70 साल के एक किसान की किसी जहरीले पदार्थ खाने के बाद मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। मनसा जिले के अक्कनवाली गांव निवासी प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीला पदार्थ खा लिया। बाद में एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। सिंह भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रहण द्वारा 15 सितंबर से बादल गांव में आयोजित प्रदर्शन में भाग ले रहे थे। यह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव है। पुलिस ने कहा कि अभी पता नहीं चला है कि किसान के यह कदम क्यों उठाया। किसान संगठन का कहना है कि प्रीतम सिंह पर कर्ज था।

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