Thursday, May 9, 2024
उत्तर प्रदेश

चम्बल में गोलियां नहीं क्रिकेट

 

योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि 6 वर्ष मंे उन्होंने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। यह सचमुच अब दिखाई भी पड़ने लगा है। बाबा भीमराव आम्बेडकर की जयंती (14 अप्रैल 2023) पर चंबल क्रिकेट लीग सीजन-2 सम्पन्न हुआ है। चम्बल के नाम पर तड़तड़ाती गोलियां और बड़ी-बड़ी मूंछो वाले हाथ मंे रायफल लिये डकैतोें का चेहरा सामने आ जाता है। यह बहुत दिनों की बात नहीं है लेकिन अब चम्बल में युवा बागी होने की जगह बैट-बल्ला थामें नजर आते हैं। चम्बल के बीहड़ों मंे 14 दिवसीय क्रिकेट लीग प्रतियोगिता के 12वें दिन चम्बल आश्रम हुकुमपुरा ग्राउंड पर आखिरी क्वार्टर फाइनल मुकाबले मंे जगम्मनपुर की टीम विजयी रही थी जगम्मपुर की टीम ने 12 अप्रैल को रामपुरा टीम को पराजित किया था चम्बल घाटी मंे अब गोलियां नहीं रन बन रहे हैं और विकेट गिर रहे हैं।
दस्यु गिरोहों के कारण दशकों तक आतंक का पर्याय बनी चंबल घाटी इन दिनो न सिर्फ नैसर्गिक सुदंरता के चलते पर्यटकों को आकर्षित कर रही है बल्कि चंबल की वादियों में बसे गांव कस्बों में क्रिकेट प्रेमी युवा खिलाड़ी अपने हुनर की नुमाइश कर रहे हैं। चंबल विद्यापीठ के सौजन्य से आयोजित ‘चंबल क्रिकेट लीग सीजन-2’ का आयोजन चंबल आश्रम हुकुमपुरा ग्राउंड पर किया गया। एक अप्रैल से शुरू हुए इस आयोजन का समापन संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस 14 अप्रैल को हुआ। दशकों तक चंबल घाटी में कुख्यात और खूंखार डाकुओं का आतंक रहा है। इस कारण चंबल घाटी के लोगों के मन में कहीं न कहीं डाकुओं के प्रति लगाव या समर्पण बना रहा है और इसी के चलते चंबल के कई युवाओं ने अपने हाथों में बंदूक थामना मुनासिब समझा लेकिन इसके नतीजे में ऐसा देखा और समझा गया है कि जब युवाओं ने बंदूक थामी तो उन्हें पुलिस की कार्यवाहियो की जद में आना पड़ा है और जिसके कारण सैकड़ों युवाओ का जीवन तबाह होने के अलावा उनके परिवारों वालों को भी सालो साल अदालती प्रकिया से जूझते हुए परेशानी झेलनी पड़ी है।
पुलिस अभियानों के क्रम में डाकुओं का जैसे-जैसे खात्मा हुआ तो चंबल में बदलाव की बयार भी देखी जाने लगी है। इस बदली हुई बयार के बीच युवाओं ने डाकुआंे के आतंक से न केवल निजात पाई बल्कि अपने आप को पूरी तरह से नए मिजाज में स्थापित करना मुनासिब समझा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि चंबल घाटी के युवा अब क्रिकेट की ओर खासी तादाद में आकर्षित हो रहे हैं और इसी वजह से युवा जगह-जगह जंगल में क्रिकेट की पिचों पर नजर आ रहे हैं। चंबल के युवाओं को क्रिकेट खेलते हुए देखकर गांव के बुजुर्ग और महिलाएं भी उनका उत्साहवर्धन करती हुई देखी जा रही है। चंबल क्रिकेट लीग के आयोजन को लेकर युवाओं में इतना जोश था कि उन्होंने एक जुट हो खुद ही बीहड़ में रास्ता बनाया और मैदान की विधिवत सफाई के बाद पिच भी बना ली। चंबल क्रिकेट लीग-2 में मध्य प्रदेश के भिंड, उत्तर प्रदेश के औरैया, इटावा, जालौन जिलों की टीमें भाग ले रही थी। चंबल क्रिकेट लीग को लेकर खेल प्रेमियों में खासा उत्साह नजर आ रहा था। लीग के आयोजन के मुख्य सूत्रधार क्रांतिकारी लेखक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि इस लीग से घाटी की सकारात्मक पहचान बनी है। इस बार यह आयोजन जन सहयोग और साथियों के श्रम सहयोग से अधिक भव्यता के साथ शुरू हुआ था। चंबल विद्यापीठ के संस्थापक डॉ. राना ने कहा कि इस लीग से चंबल घाटी की सकारात्मक छवि बन रही है। औरैया, इटावा, जालौन और भिंड जिला मुख्यालय से समान दूरी पर हुकुमपुरा स्थित चंबल आश्रम सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधि का केंद्र बन रहा है। बिलौड पंचायत का हुकुमपुरा गाँव कभी कुख्यात दस्यु सरगना सलीम गुर्जर उर्फ पहलवान की वजह से सुर्खियों में रहा है। अब बदलाव की नई बयार बह रही है। इस बार भी यह आयोजन जन सहयोग और साथियों के श्रम सहयोग से ऐतिहासिक बना।
पुराने दिनों का याद कर यहां कंे निवासी कहते हैं कि एक तरफ डकैतों का खौफ रहता था तो दूसरी तरफ पुलिसिया जुल्म की इंतेहा। रात में पुलिस आती तो गाँव के गाँव खाली हो जाते। क्या दहशत के दिन थे। सड़कें नहीं थीं। आवागमन के साधन नही थे। खेती भी बारिश की कृपा पर होती थी। कई तरह से हम लोग पिस रहे थे लेकिन अब चंबल का बीहड़ बहुत बदल चुका है। यह भी विश्व के साथ कदमताल करना चाहता है।
बुनियादी सुविधाओ से कटी हुई पंचनद घाटी में शिक्षा के अवसर नहीं थे। रोजी रोटी का संकट था। इलाज की सुविधाएं नही थी। बिजली पानी नहीं था। लिहाजा यहां के वासियों ने बड़े पैमाने पर पलायन का दंश झेला है लेकिन अब यहां का समय बदल रहा है। करवट लेते अंचल में कई संभावनाएँ बरकरार हैं।
दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि चंबल में डाकुओं के खिलाफ चलाए गए दस्यु उन्मूलन अभियानों का असर व्यापक पैमाने पर नजर आ रहा है तभी न तो कोई डाकू आतंक मचाने के लिए है और न ही किसी भी डाकू की दहशत अब लोगों के दिलों दिमाग पर दिखाई दे रही है। जब चंबल पूरी तरीके से शांत हो गई है तो जाहिर है कि अब लोगों के मन में जो कुछ भी आएगा वह कर सकते हैं अगर चंबल के युवा क्रिकेट खेल की ओर जागरूक हो रहे हैं तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।
चंबल क्रिकेट लीग के संस्थापक डॉ शाह आलम राना ने बताया कि चंबल घाटी में प्रति वर्ष दो दर्जन से अधिक ऐतिहासिक और यादगार आयोजन करके चंबल धार की सेवा करने का व्रत पूरा किया जा रहा है। यह सभी आयोजन हमख्याल साथियों के श्रम और आर्थिक सहयोग से निरंतर करते हैं। जो भी नीयत करते हैं मुश्किलों से गुजरते हुए पूरा हो ही जाता है।
चंबल विद्यापीठ की ओर से चंबल आश्रम के हुकुमपुरा मैदान पर लीग का फाइनल मैच 14 अप्रैल को जगम्मनपुर और बेनीपुरा के बीच खेला गया। बेनीपुरा की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर 15 ओवर में 71 रन बनाए। जगम्मनपुर के कप्तान विकास ने छह विकेट लिए। उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया। जवाब में जगम्मनपुर की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और बेनीपुरा के कप्तान छोटू ने पहली ही गेंद पर बल्लेबाज अभिमन्यु को आउट कर दिया। हालांकि गौरव शर्मा ने पारी को संभाला और पांच छक्के लगाकर रन रेट तेजी से आगे बढ़ाया। गौरव के 48 रन की बदौलत जगम्मनपुर की टीम ने मैच 8.4 ओवर में छह विकेट खोकर मैच जीत लिया।
मैच समाप्त होने पर विजेता टीम के कप्तान विकास को शहीद मणींद्रनाथ बनर्जी स्मृति ट्रॉफी और 8000 रुपये का चेक दिया गया। उपविजेता टीम बेनीपुरा के कप्तान छोटू को क्रांतिवीर मोहित कुमार बनर्जी स्मृति ट्रॉफी और 5000 रुपये का चेक प्रदान किया गया। मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार बेनीपुरा टीम के कप्तान छोटू को दिया गया।
स्पोर्ट्स स्टेडियम में शौर्य क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में सम्पन्न हुए इटावा टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट में दो मैच खेले गए। पहले मैच में स्टेडियम ए ने स्टेडियम बी को हरा दिया। टीम ने फाइनल में प्रवेश किया।
स्टेडियम ए के कप्तान नवीन कठेरिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। टीम ने 20 ओवर में 164 रन बनाए। निशांत राय ने 66 रन, नवीन कठेरिया ने 36 रन बनाए। स्टेडियम बी के औसाद ने 2 विकेट व हर्ष ने 2 विकेट लिए। स्टेडियम बी की टीम 72 रन पर आलआउट हो गई। स्टेडियम बी की तरफ से ऋषभ ने 17 रन बनाए।
दूसरा मैच यूथ और औरैया के बीच खेला गया। इसमें औरैया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। 20 ओवर में 143 रन बनाए। निखिल ने 27 रन व भानु ने 20 रन बनाए। यूथ की और से सनी ने 3 विकेट, सलीम ने 2 विकेट प्राप्त किए। 144 रन का लक्ष्य प्राप्त करने उतरी यूथ क्रिकेट एकेडमी 119 रन ही बना सकी। मैन ऑफ द मैच निखिल को चुना गया। अंपायरिंग हर्ष और निशांत ने की।

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