मीना कुमारी ने डकैत को दिया चाकू से आटो ग्राफ
अपने अभिनय के जादू से सहज ही आकर्षित करने वाली मीना कुमारी के साथ कई किस्से ऐसे भी जुड़े हैं जिनसे सामान्य लोग अनजान हैं। मीना कुमारी ने एक खूंखार डकैत को आटोग्राफ दिया। यह आटोग्राफ भी कोई सामान्य तरीके से नहीं दिया गया था बल्कि डकैत ने कहा कि मेरी इस चाकू से मेरे हाथ पर अपना नाम लिख दीजिए। जाहिर है कि मीना कुमारी इस फरमाइश से सिहर उठी होंगी लेकिन उनकी मजबूरी थी क्योंकि मध्य प्रदेश के जंगल मंे उस डाकू की गुजारिश भी किसी फरमान से कम नहीं थी। यह घटना फिल्म पाकीजा की शूटिंग के समय की बतायी जाती है। यह फिल्म मीना कुमारी के पति का सबसे अच्छा सपना था और इसे बनने में 16 साल का समय भी लगा था। दुर्भाग्य यह कि इस फिल्म की सफलता को देखने के लिए मीना कुमारी जीवित नहीं बचीं। पाकीजा फिल्म की रिलीज के कुछ दिन बाद ही मीना कुमारी की मौत हो गयी। मीना कुमारी ने उतार-चढ़ाव भरी जिंदगी बितायी। लोगों का प्यार मिला तो बदतमीजी भी मिली।
मीना कुमारी ने मशहूर निर्देशक कमाल अमरोही से शादी की थी। कमाल अमरोही ने ही मीना कुमारी के साथ मिलकर अपनी ड्रीम फिल्म ‘पाकीजा’ बनाई। फिल्म को पूरा करने में एक दो नहीं बल्कि 16 साल लग गए थे। ‘पाकीजा’ रिलीज होते ही सुपर हिट हो गई लेकिन इस फिल्म की कामयाबी देखने के लिए मीना कुमारी जिंदा नहीं रहीं। ‘पाकीजा’ की शूटिंग दौरान एक दिलचस्प घटना हुई थी। शूटिंग के दौरान ही डाकू गिरोह ने यूनिट को घेर लिया था। मीना कुमारी महज 39 साल की उम्र में दुनिया छोड़ गईं। साल 1972 में मीना कुमारी की अमर फिल्म ‘पाकीजा’ रिलीज हुई। इसके कुछ दिन बाद ही वह बीमार पड़ गईं। लीवर खराब हो गया था। कहते हैं कि मोहब्बत में रुसवाई मिली तो शराब से दोस्ती कर ली, जो उनके दर्द को कम करने के साथ-साथ जानलेवा भी साबित हुआ। मीना की निजी जिंदगी मुश्किलों भरी थी लेकिन इसका असर उन्होंने अपनी फिल्मों पर कभी नहीं होने दिया। अपने जीवन की आखिरी सांस तक काम करती रहीं। शायद दिल का दर्द ही था, जो चेहरे पर उतर आता फिर दुनिया उन्हें ट्रेजेडी क्वीन समझने लगी। बेबी मीना के तौर पर एक्टिंग करने वाली मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से शादी की थी। शर्तों-बंदिशों की वजह से इनकी शादी चल नहीं पाई और 1964 में मीना अलग हो गईं। शर्मीली मीना शेरो-शायरी करती थीं लेकिन कभी छपवाया नहीं। बाद में नाज नाम से शायरी छपी थी। मीना ने कई फिल्मों में आवाज भी दी थी। यही नहीं वह ड्रेस डिजाइनर भी थीं।
पाकीजा’ फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई घटना का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता ने किया था। उन्होंने लिखा ‘पाकीजा’ की आउटडोर शूटिंग के लिए मीना कुमारी, कमाल अमरोही और टीम के बाकी लोग मध्यप्रदेश के शिवपुरी से गुजर रहे थे तभी उनकी कार का पेट्रोल बीच रास्ते खत्म हो गया। ये वो इलाका था जो डकैतों के लिए जाना जाता था। मध्यप्रदेश के खूंखार डकैत अमृत लाल ने उनके काफिले को घेर लिया लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि कार में तो मीना कुमारी मौजूद है, वह लूट-पाट भूल गया। उसने मीना कुमारी समेत सभी लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था करवाई’। विनोद मेहता ने आगे लिखा ‘डाकू अमृत लाल ने मीना कुमारी से अपने हाथ पर ऑटोग्राफ लिया था। उसने मीना कुमारी को अपना चाकू पकड़ाते हुए कहा कि चाकू से उसके हाथ पर अपना नाम लिख दें। हैरान-परेशान डरी हुईं मीना बड़ी मुश्किल से चाकू से उसके हाथ पर ऑटोग्राफ दे पाई थीं’। मीना को आज भी फिल्म ‘पाकीजा’ के लिए याद किया जाता है।
फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे किस्से भी कई बार सुने गयेे जब किसी एक्ट्रेस के साथ बदतमीजी हुई हो। कुछ एक्ट्रेस अपने साथ हुए शोषण के खिलाफ आवाज उठाती हैं तो कुछ चुपचाप सहन कर जाती हैं। ‘मी टू’ आंदोलन के दौरान कई मामले सामने आए थे लेकिन मीना कुमारी ने बदतमीजी का जवाब दिया था। उस दौर में एक्ट्रेस के लिए आवाज उठाना मुश्किल था, लेकिन मीना कुमारी ने आवाज उठाई और उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।
हिंदी सिनेमा की लीजेंड एक्ट्रेस मीना कुमारी ने एक बड़े निर्माता-निर्देशक की फिल्म साइन की, जिसका इंडस्ट्री में काफी दबदबा था। फिल्म की शूटिंग के पहले ही दिन मीना कुमारी के साथ मेकअप रूम में लंच के लिए फिल्ममेकर ने टेबल लगवा दी और कहा कि मीना के साथ पहले दिन का लंच अकेले करेंगे ताकि फिल्म के सिलसिले में बातचीत हो सके।
लंच तो बहाना था, दरअसल उसे तो मीना कुमारी के करीब आना था। खाना खाते-खाते फिल्ममेकर टेबल के नीचे मीना कुमारी के पैर पर अपना पैर दबा कर बैठ गया, मीना चुप रहीं तो उसकी हिम्मत और बढ़ी फिर एक्ट्रेस का हाथ पकड़कर चूमने लगा। मीना इस बदतमीजी पर चुप न रहीं और शोर मचा दिया। मेकअप रूम के बाहर खड़े लोग चौंक गए। मीना कुमारी ने सबके सामने उस निर्माता-निर्देशक को आड़े हाथ लिया और खरी-खोटी सुना डालीं।
फिल्ममेकर ने सपने में भी मीना कुमारी से ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं की थी, फिर भी ढीठ इतना कि ऐसे दिखाया कि जैसे ये सब फिल्म का सीन था। लेकिन इस घटना के बाद से वह मीना से बदला लेने की प्लानिंग करने लगा। उसने साजिश के तहत फिल्म के राइटर से एक ऐसा सीन लिखवाया जो पहली फिल्म की कहानी में था ही नहीं। सीन था कि हीरोइन को हीरो थप्पड़ मारता है। शूटिंग के समय निर्देश दिया कि थप्पड़ सच्चा लगना चाहिए। कैमरा ऐसे एंगल पर रखा गया कि अगर जोर का झापड़ नहीं मारा जाए तो नकली लगेगा। सीन के मुताबिक मीना कुमारी के गाल पर हीरो ने थप्पड़ जड़ दिया और वह बुरी तरह कांप गईं लेकिन डायरेक्टर को शॉट सही नहीं लगा, फिर कस के दूसरा थप्पड़ मरवाया गया। ऐसे कुल 31 बार थप्पड़ पड़ने के बाद फिल्ममेकर को शांति मिली। शॉट ओके होते ही दर्द से परेशान मीना कुमारी अपने कमरे की तरफ भागीं, दरवाजा बंद करके रोती रहीं, शूटिंग सेट पर सब इस साजिश को समझ रहे थे लेकिन कोई कुछ नहीं बोला। प्रसिद्ध एक्टर और सिंगर अन्नू कपूर ने इस घटना का जिक्र एक समाचार पत्र में किया था लेकिन फिल्ममेकर का नाम नहीं बताया। इस घटना का जिक्र बलराज साहनी ने अपनी आत्मकथा में भी किया है। इस घटना के गवाह रहें एक्टर अनवर हुसैन ने बलराज को पूरा किस्सा सुनाया था। मीना कुमारी की ट्रेजडी के साथ इस तरह की कुछ कड़वी यादें भी जुड़ी हैं।