बालिकाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोले,आज बेटी अपने जीवन के सपने साकार कर सकेगी : कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन
हरिद्वार/खानपुर
नारी के साथ भेदभाव कर उसे अबला समझने का अर्थ अपने समाज की शक्ति को पूरी तरह न समझ पाना तथा उसे कमतर आंकना है। खानपुर गर्जना रैली को संबोधित करते हुए विधायक कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा की नारी शक्ति के असल स्वरूप के लिए चाहिए कि हम उन्हें स्वतंत्र बनाए तथा शिक्षा, विकास के पूर्ण अवसर उपलब्ध करवाएं। चैंपियन ने कहा की महिला शक्ति को सम्मान देने की शुरुआत हम अपने घर से करे बेटी के जन्म को भी उतना ही महत्व दे जितना कि एक बेटे के जन्म को देते हैं।बालिकाओं के लिए शिक्षा के द्वार खोले तभी बेटी अपने जीवन के अपने सपने साकार पूरे कर सकेगी। चैंपियन ने कहा की इनमें ताकत सारी फिर क्यों इनको कहते हो अबला बेचारी। हमे चाहिए की हम नर नारी का भेद मिटाएगे इस नये सफर में समाज नारी के संग ही बढ़ पाएगा, अगर समाज को मज़बूत करना है। तो वह केवल नारी शक्ति से ही बनेगा। जब नारी का हर घर में सम्मान होगा तो तभी हमारा भारत महान बनेगा। हम सभी को चाहिए की नारियां समाज में आगे आगे आये ।