नारी अबला नहीं सबला है, उनकी शक्ति से ही समाज का स्वावलम्बन हैं : कुँवरानी देवयानी
हरिद्वार/खानपुर
बेटिया,बहु, को शिक्षा प्राप्त कर बड़ी होकर देश की शान बनना चाहिए। यदि क्षेत्र को तरक्की करनी है तो उसके लिए नारी शक्ति की पहचान बहुत जरुरी है। कार्यक्रम आयोजक एव जिला पंचायत सदस्य कुँवरानी देवयानी ने कहा की नारी न तो कभी अबला थी,और न रहेगी। नारियो का संघर्ष सदियों तक जारी रहेगा। रूढ़िवादी सोच को ख़तम कर देश की नारियो को आगे आना चाहिए। महिलाओ को सर्वप्रथम शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। देवयानी ने कहा की नारी अबला नहीं सबला है। उनकी शक्ति से ही समाज का स्वावलम्बन हैं।अगर नारी शक्ति को सहयोग मिला तो पूरा संसार रोशन हो जाएगा।सबको सबसे पहले बेटे, बेटी का भेदभाव ख़तम करना होगा। यदि वतन के विकास के पथ बढ़ाना है। तो नारी शक्ति को जगाना आवश्यक है। कुँवरानी देवयानी ने कहा की सशक्त महिला की यही पहचान है कि वो मुश्किल आने पर भी कभी परेशान नहीं होती। और उसका सामना करती है। आप सबकी बहन देवयानी समाज की बहनो की आवाज के लिए 24 घण्टे काम करेगी। अगर किसी को कोई समस्या है, तो वह 24 घंटे हाज़िर है। क्षेत्र में 20 साल पहले विधायक चैंपियन बने तो कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन ने सबसे पहले बाँध बनवाया था। क्योंकि बाँध न वजह से खादर क्षेत्र में किसानो की फसल को बहुत नुक्सान होता था। पूर्व में साल में केवल एक बार ही फसल हो पाती थी। लेकिन बाँध बनने के बाद साल में तीन बार होती है। वही पहले लक्सर मील द्वारा एक प्रजाति का गन्ना नहीं लिया जाता था। लेकिन अधिकारियो से वार्ता कर चैंपियन ने समस्या का निदान कराया और किसानो का गन्ना मील में जाने लगा। खानपुर में बड़ी समस्या जाम की थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए चैंपियन ने रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कराया और शिक्षा के लिए पहले छात्रों को रुड़की जाना पड़ता था। लेकिन अब खानपुर में ही आई आई टी कॉलेज, शिकारपुर में नवोदय विद्यालय और इसके अलावा दल्लवाला में राजकीय इंटर क्षेत्र में अन्य कॉलेज का निर्माण चैंपियन ने करा कर छात्रों को एक उज्जवल भविष्य दिया। कुँवरानी ने कहा की उनके द्वारा महिलाओ के लिए एक संघठन चलाया गया है। जिसमे निर्धन एव विधवाओं महिलाओ की बेटियों जिनकी शादी होनी है उनको भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। सभी माँ,बहनो को मज़बूत बनाने का कार्य किया जायेगा।