Saturday, May 4, 2024
उत्तराखंडट्रैंडिंग न्यूज़समाचार

उत्तराखंड संकट सेना ने दिखाई सक्रियता, तपोवन में बंद सुरंग खोली, रेस्क्यू जारी

 

उत्तराखंड……

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद आई भीषण आपदा में सबसे अधिक प्रभावित हुए जोशीमठ के तपोवन में भारतीय सेना के जवानों ने इंजीनियर टास्क फोर्स के साथ मिलकर सुरंग को खोल दिया है। आपदा की चपेट में आने के 24 घंटे बाद भी यहां बचाव कार्य चल रहा है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जनरेटर और सर्च लाइट लगाकर पूरी रात बचाव कार्य जारी रहा|

से हुए लोगों को निकालने के बाद साइट पर सेना द्वारा बनाए गए फील्ड अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है। सूरज उगने से पहले ही भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर बचाव टीमों को लेकर यहां आ गए थे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ष्ऊंचे इलाकों की जांच भी की जा रही है, ताकि पता चल सके कि कहीं फिर से हिमस्खलन का खतरा तो नहीं है। ष्तपोवन के पास धौलीगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड परियोजना के बहने से करीब 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है।

एनटीपीसी ने एक बयान में कहा, ष्उत्तराखंड में तपोवन के पास ग्लेशियर टूटने से हमारे निमार्णाधीन जलविद्युत परियोजना के एक हिस्से को नुकसान हुआ है। बचाव कार्य जारी है। जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। ष्बता दें कि जोशीमठ के पास ऋषि गंगा नदी में रविवार सुबह 10.45 बजे के आसपास बाढ़ आ गई थी। ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा नदी में गिरने के कारण इसमें पानी की मात्रा तेजी से बढ़ गई थी। इसके कारण रेनी गांव के पास ऋषि गंगा पनबिजली परियोजना तबाह हो गई। जोशीमठ-मलारी राजमार्ग पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) का पुल भी बह गया है।

स्थानीय प्रशासन ने कहा, 6 चरवाहे अपने पशुओं के साथ बाढ़ में बह गए थे, उन्हें बचा लिया गया था। ऋषि गंगा नदी रेनी गांव के पास धौली गंगा से मिलती है, जिसके कारण धौली गंगा में भी बाढ़ आ गई थी, जिसमें गांव के 6 घर बह गए। नदी के दूसरी तरफ के गांवों को जोड़ने वाले दो पुल भी इस आपदा में बह गए। बीआरओ ऋषिकेश-जोशीमठ-मान मार्ग को साफ करके खोलने में कामयाब रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और राज्य के अधिकारी इस क्षेत्र में सेना के साथ बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। केंद्र सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सभी एजेंसियां काम कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *