निलंबित आईपीएस अरविंद सेन ने किया सरेंडर
लखनऊ —
उत्तर प्रदेश के पशु पालन विभाग में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन फरार चल रहे थे. अरविंद के खिलाफ सरकार ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया था. अब अरविंद सेन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. बता दें, अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
निलंबित डीआईजी अरविंद सेन पर सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ था. इसके पहले अरविंद पर गैर जमानती वॉरन्ट जारी होने के बाद 25 हजार का इनाम रखा गया था।
पुलिस की अर्जी पर कोर्ट ने 24 दिसंबर 2020 को अरविंद सेन को भगोड़ा घोषित किया था. इस कड़ी में पुलिस ने गोमतीनगर में उनके फ्लैट के अलावा अयोध्या और अम्बेडकरनगर में एक दर्जन से अधिक चल-अचल सम्पत्तियां चिह्नित कीं. करोड़ों रुपये की इन संपत्तियों के बारे में कई और जानकारियां खंगाली जा रही हैं. कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही हजरतगंज पुलिस एक साथ इन सम्पत्तियों को कुर्क करेगी. इसकी जांच एसीपी श्वेता श्रीवास्तव कर रही हैं।
आपको बता दें कि पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर पैसे हड़पने के आरोप में 13 जून 2020 को इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने एके संजीव, आशीष राय, पशुधन विकास मंत्री के सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदाकर्मी धीरज, रूपक राय और उमाशंकर समेत 11 लोगों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी. जब इसकी जांच शुरू की गई तो अरविंद सेन का नाम सामने आया. इसके बाद से ही अरविंद सेन फरार है।