नगर पालिका अतिक्रमण की आड़ में उजाड़ रही क्यारियां
हरिद्वार————–
शिवालिकनगर में इन दिनों नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। जोकि क्षेत्र के लिए जरूरी भी है, वहीं अभियान को ईमानदारी के साथ चलाया जाना भी जरूरी है। शिवालिकनगर में अनेक कारोबारियों व दुकानदारों ने सड़कों के किनारों तक बड़े-बड़े शैड बना रखे हैं तथा बाहर सड़क तक सामान रखकर जगह घेर लेते हैं जोकि लोगों के आवागमन में बाधा पैदा कर रहे हैं। ऐसे अतिक्रमण हटाए जाने बेहद जरूरी हैं। लेकिन जनहित में जहाँ धूप व बारिश से बचने के लिए छोटे-छोटे सनशैड बने हैं और मार्ग में बाधक नहीं हैं, उन्हें नहीं हटाया जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि नगर पालिका का अतिक्रमण अभियान का बुलडोजर सड़कों के व्यापारी अतिक्रमण पर कम बल्कि लोगों द्वारा क्षेत्र को पर्यावरण से बचाने और हर भरा रखने के लिए अपने घरों के बाहर लगाये गये गये पेड पौधों पर चल रहा है। जबकि शिवालिकनगर जैसे आवासीय क्षेत्र को पूरी तरह कुछ लोगों ने नियम को ताक पर रख कर कॉमर्शियल बना दिया है, बिना अनुमति के कॉमर्शियल कॉम्पलेस बनाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी जरूरी है। बताते चले कि जंगलों, हरे-भरे खेतों तथा वृक्षों को काटकर शिवालिकनगर बसा था, लेकिन आज यहां भीषण गर्मियों में तेज धूप से सिर छिपाने को दूर-दूर तक कहीं भी छाया का नाम के लिए पेड़ तक नजर नहीं आ रहे हैं। देखा जाये तो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है। यहां के निवासियों ने अपने घरों के बाहर छोटी-छोटी क्यारियों में फूल, पेड़-पौधे लगाकर कुछ राहत का काम किया तथा पर्यावरण सुधार में अपना अमूल्य योगदान दिया। आवासीय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण में इनका अमूल्य योगदान है। जिनका संरक्षण करना हम सब का दायित्व है न कि उनको उजाड़ा जाना। पर्यावरण के हित में प्रशासन व नगरपालिका को इस विषय पर विचार करते हुए पर्यावरण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि शिवालिकनगर दूसरों के लिए एक उदाहरण पेश हो। इस नगरी की और भी बहुत सी समस्याएं हैं जिनकी ओर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है। जैसे कि टूटी सड़कें, खराब टूटे-फूटे मोड़, बन्द स्ट्रीट-लाइटें, पेयजल मूल्य में अप्रत्याशित पांच गुणा वृद्धि के बावजूद गुणवत्ता व आपूर्ति समय में कमी आदि है। नगरपालिका को जनहित में इन सभी समस्याओं की ओर गम्भीरता व तत्परता से ध्यान देने की जरूरत है।