Sunday, May 5, 2024
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त्यौहार के मौसम में भी नहीं चल सकी पूरी बसें — 500 बसों का नहीं हो सकता संचालन

(भोपाल)

त्यौहारों के इस मौसम में जहां राजधानी में या‎त्रियों की संख्या बढ रही है, वहीं बसों का संचालन पूरी तरह से शुरु नहीं हो सका। कोरोना काल से पूर्व राजधानी से करीब सात सौ से ज्यादा बसें चलती थी, वर्तमान में 200 से ज्यादा बसों का संचालन ‎किया जा रहा है। भोपाल से प्रदेश के अलग-अलग शहरों के लिए साधारण कुल 733 बसों में से 25 से 31 अक्टूबर तक 145 से 160 बसें आष्टा, देवास, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, रायसेन, सागर, ब्यावरा, गुना, विदिशा सहित अन्य मार्गों पर चल रही थीं। अब 200 से ज्यादा बसों का संचालन होने लगा है। हालांकि शहर के आएसबीटी, नादरा, हलालपुर और पुतली घर बस स्टैंड से चलने वाली करीब 500 बसों के पहिये अभी भी थमे हुए हैं। बस संचालकों का कहना है कि 10 नवंबर तक 350 बसें विभिन्न मार्गों पर संचालित होने लगेंगी, क्योंकि 14 नवंबर शनिवार को दीपावली है। इससे यात्रियों की संख्या 20 फीसद से बढ़कर 50 से 60 फीसद होने की उम्मीद है। दीपावली के चार दिन पहले और चार दिन बाद तक यात्रियों की संख्या अच्छी रहेगी।बस संचालक सुरेन्द्र तनवानी ने बताया कि शासन ने अप्रेल, मई, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह का 15 दिन(साढ़े पांच महीने) का टैक्स माफ किया था। इसके बाद पांच सितंबर से राजधानी सहित प्रदेश भर में पांच सितंबर से बसों का संचालन शुरू हुआ, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ने से घाटे के चलते बस संचालक बसों का संचालन नहीं बढ़ा पा रहे थे। अब दीपावली की वजह से यात्रियों की संख्या बढ़ने की बस संचालकों को पूरी उम्मीद है। इससे बसों का संचालन बढ़ेगा।मालूम हो कि आइएसबीटी से छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, बैतूल, सागर, जबलपुर, बालाघाट सहित अन्य मार्ग पर 80 बसों का संचालन होता है। वहीं नादरा बस स्टैंड से विदिशा, अशोक नगर, गुना सहित अन्य मार्ग पर 53 बसें चलती है। हलालपुर बस स्टैंड से सीहोर, आष्टा, देवास, इंदौर, उज्जैन, धार, नीमच आदि मार्ग पर 60 बसें संचालित हो रही है। पुतलीघर बस स्टैंड से बैरसिया, सिरोंज, शमशाबाद सहित अन्य मार्ग पर 40 बसों का संचालन होता है। इस मामले में परिवहन विशेषज्ञ श्याम सुंदर शर्मा का कहना है कि कोरोना से पहले भोपाल से 733 बसें प्रदेश के अलग-अलग शहरों के लिए चलती थी। दीपावली के आसपास के दिनों में बसों में बैठने के लिए जगह नहीं मिलती थी। इस बार कोरोना है। फिर भी 50 से 60 फीसद तक यात्रियों की संख्या बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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