कोविड-19 सावधानियों के बीच वर्चुअल सेलिब्रेशन के साथ गंगा उत्सव प्रारंभ
(नई दिल्ली)
बहुप्रतीक्षित गंगा उत्सव 2020 की आज से शुरुआत हुई है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा, ने माहिया के साथ बातचीत के दौरान बचपन से गंगा के साथ अपने लगाव को साझा किया। उन्होंने कहा, “यह त्योहार राष्ट्रीय नदी गंगा की महिमा का उत्सव मनाने के लिए है। अगर युवा पीढ़ी को उसके प्राचीन इतिहास और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराया जाता है, तो वह उसे न केवल पानी के स्रोत के रूप में बल्कि हमारी सभ्यता के अभिन्न अंग के रूप में प्रतिष्ठित करेंगे।” हमें अपनी गहन आस्था के साथ गंगा के प्रति अपने कर्त्तव्य को निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गंगा सभी नदियों और जल के स्रोतों का प्रतिनिधित्व करती है और इस त्योहार को नदी का त्योहार भी माना जाता है। उत्सव के पहले दिन विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए।
भारतीय अर्ध-शास्त्रीय गायिका डॉ. रेवती साकलकर की आवाज में माँ गंगा की भक्ति से सभी मंत्रमुग्ध हुए। काशी कोकिला ने अपने भजनों के माध्यम से श्रोताओं के सामने नदी का स्वरूप प्रस्तुत किया जिसकी शुरुआत उन्होंने ष्चलो मन गंगा यमुना तीरष् से की। कहानी जंक्शन में, प्रसिद्ध कथाकार रितुपर्णा घोष की “हूज रिवर इस इट एनीवे?” का संदेश स्पष्ट था कि यदि आप प्रकृति की देखभाल नहीं करेंगे, तो प्रकृति आपकी देखभाल नहीं करेगी। लोकप्रिय उपन्यास लेखक आनंद नीलकांतन ने महाभारत और प्राचीन पुराणों से गंगा की आकर्षक पौराणिक कहानियों को साझा किया। समारोह में कपिल पांडेय एक अन्य प्रसिद्ध कथाकार थे।