अमेरिकी चुनाव में अंतरिक्ष से डाला जाएगा वोट, केट रूबिंस स्पेस से करेंगी मतदान
वाशिंगटन
अमेरिका में अगले महीने 3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के कैंडिडेट जो बाइडन मैदान में हैं। कोरोना के बावजूद अमेरिकी मतदाता वोट देने के लिए उत्साहित हैं। इनमें एक वोटर सबसे खास है, जो अंतरिक्ष से अपना वोट डालेंगी। जी हां, आपने सही सुना, अंतरिक्ष में बैठकर ट्रंप या बाइडेन में से किसी को चुनेंगी।
इस साल नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की अंतरिक्ष यात्री केट रूबिंस स्पेस से मतदान करेंगी। केट रूबिंस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के मिशन पर हैं। यह मिशन छह महीने से पहले खत्म होना मुश्किल है। इसकारण नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्हें वहीं से वोट डालना होगा।
1997 में अमेरिका के टेक्सास में एक बिल पास हुआ था। बिल के मुताबिक, अंतरिक्ष यात्रियों को भी वोट देने का अधिकार है। अमेरिकी नागरिक अंतरिक्ष से फेडरल पोस्ट कार्ड एप्लीकेशन के जरिये वोटिंग कर सकते हैं।पहली बार साल 1997 में एस्ट्रॉनॉट डेविड वुल्फ ने अंतरिक्ष से वोट डाला था। साल 2016 में भी अंतरिक्ष यात्री एडवर्ड माइकल फिंक और ग्रेग चैमिटॉफ ने अंतरिक्ष में रहते हुए स्पेशल सीक्रेट मतपत्र के जरिए वोट किया था। दरअसल अंतरिक्ष में गए अमेरिकी नागरिक जो वोट देना चाहते हैं, उन्हें चुनाव से 6 महीने पहले इस फॉर्म को भरना होता है।इसमें पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी, वोटर आईडी जैसी डिटेल्स देनी होती हैं। इस फॉर्म के साथ नासा अतंरिक्ष यात्री के बारे में सचिवालय को सूचित करता है। वोटिंग के लिए इजाजत लेता है।और सीक्रेट इलेक्ट्रॉनिक बैलट पेपर कलेक्ट करता है।
चुनाव से एक दिन पहले अंतरिक्ष यात्री को एक ईमेल भेजा जाता है। अमेरिका में इस बार 3 नवंबर को चुनाव है तो 2 नवंबर को ये मेल भेजा जाएगा।इस मेल में एक लिंक होता है। जैसे ही अंतरिक्ष यात्री उस लिंक पर क्लिक करता है, एक एन्क्रिप्टेड ई-मतपत्र अपलिंक हो जाता है।मतपत्र यानी वह पत्र, जिस पर उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह दर्ज होते हैं। मतदाता अपनी पसंद के कैंडिडेट के सामने बटन दबाकर वोट देता है।इसके बाद अंतरिक्ष यात्री इस वापस काउंटी के क्लर्क दफ्तर में यानी धरती पर भेज देता है।