Monday, May 20, 2024
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लिफ्ट देने के बहाने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म

एनसीआर में हर 8 घंटे में एक महिला के साथ हो रही हैवानियत

नोएडा
देश में महिलाएं गांव से लेकर मेट्रो सिटी तक सुरक्षित नहीं हैं। यूपी हाथरस कांड का हल्ला अभी थमा भी नहीं और राजधानी दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर गुरुग्राम में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। साइबर सिटी गुरुग्राम में कथित रूप से लिफ्ट देने के बहाने एक युवती के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया। इनमें से तीन फूड डिलिवरी बॉय थे और एक प्रॉपर्टी डीलर के दफ्तर में सहायक के तौर पर काम करता था। फिलहाल पुलिस ने इन चारों को गिरफ्तार कर लिया है। अब सवाल ये उठता है कि क्या इस देश में बेटियां अब बिल्कुल महफूज नहीं है। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो और भी भयानक स्थिति सामने नजर आ रही है।
एनसीआर के शहरों में कामकाजी महिलाओं को देर शाम तक घरों से बाहर रहना पड़ता है। 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो एनसीआर में हर आठ घंटे में एक महिला किसी दरिंदे की हवस का शिकार बनती है और वहीं अपराधियों को सजा मिलने में कई साल लग जाते हैं और वहीं सजा मिलने में सालों बीत जाते हैं। इस साल में कुल 1162 मामलों से ज्यादा महिलाओं ने रेप और छेड़छाड़ जैसी शिकायतें दर्ज कराई हैं। 2020 में कोरोना और लॉकडाउन होने के बावजूद महिलाओं से अपराध में कमी नहीं आई है। एनसीआर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम हैं।
शहर में महिलाअपराध को दर्ज करने के लिए तीन स्पेशल थाने हैं। सोहना में एक पुलिस महिला पुलिस चैकी भई है। अन्य थानों में भी महिला से अपराध जैसे रेप, छेड़छाड़ के केस दर्ज होते हैं। यहां दर्ज होने वाले मामलों का मिजाज भी साइबर सिटी के अनुसार ही है। सोशल मीडिया व कंपनी में काफी युवक-युवतियां मिलते हैं। दोस्ती होने पर वह या तो एक साथ लिव इन में रहते हैं या फिर युवक शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बना लेते हैं और बाद में शादी से मुकर जाते हैं। छेड़छाड़ व कॉल कर परेशान करने के मामलों की संख्या भी शहर में काफी है। महिला हेल्पलाइन में 1091 भी है। शहर के सभी जोन के दो-दो दुर्गा शक्ति पीसीआर लगाई गई है। तीनों महिला थानों के लिए स्पेशल एसीपी क्राइम अगेंस्ट वुमन नियुक्त किया गया है। इसके बावजूद इस साल एनसीआर में गुड़गांव में सबसे ज्यादा 100 मामले रेप के रिपोर्ट हुए।
गाजियाबाद में महिलाओं के लिए शिकायत दर्ज करवाना 2020 में भी एक मुश्किल काम है। थाने मे पुलिस अपने हिसाब से बिना जांच के पीड़िता को सही या गलत में जुट जाते हैं। जिले में हाल ही में नाबालिग को घंटाघर कोतवाली थाने में इसलिए महिला कांस्टेबल से थप्पड़ लगवाए क्योंकि उसने पिता के साथ हो रही अभद्रता का वीडियो बनाने के लिए फोन निकाला था। रेप के आरोपितों को सजा दिलवाने में भी पुलिस काफी पीछे है। 2015 से 2019 तक 10 फीसदी रेप के आरोपितों को सजा नहीं मिली। प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वॉड को शुरू करने के बाद दावा था कि यह महिला सुरक्षा को और पुख्ता करेगा लेकिन सभी दावे हवा हवाई।
शहर में लिव इन में रहने के दौरान हुए विवाद में रेप के आरोप, जॉब दिलाने के नाम पर रेप के मामले सबसे ज्यादा हैं। नाबालिग बच्चियों को अकेला पाकर छेड़छाड़ व रेप की वारदातें भी लगातार हो रही हैं। कमिश्नरेट की स्थापना के पास विमिंस सेफ्टी को लेकर पुलिस की टीमें एक्टिव हुई है। अलग से डीसीपी (विमिन एंड चाइल्ड सेफ्टी) को तैनात किया गया है। शिकायत दर्ज कराने के लिए थानों में अलग यूनिट तैयार की गई है। शहर में 163 पॉइंट्स चिन्हित किए गए हैं, जहां महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। इन पॉइंट्स पर 100 स्कूटी सवार महिला पुलिसकर्मियों की टीम पेट्रोलिंग करती हैं। ई चैपाल करके विमिंस सेफ्टी संबंधी सुझाव मांगे जा रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा शादी का झांसा देकर संबंध बनाने के मामले हैं। शहर में तीन महिला थाने हैं। इसके साथ ही क्राइम अगेंस्ट वुमन के लिए अलग एक एसीपी तैनात है। शहर में महिलाओं से छेड़छाड़, रेप और घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस सह प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि महिला अपराध की शिकायत महिला हेल्पलाइन 1091 पर भी की जा सकती है। शहर के सभी जोन में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

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