Sunday, May 19, 2024
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सूखे के कारण तबाह हो चुके प्रदेश के सीमांत क्षेत्र के किसानों को तुरन्त राहत पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को लिखा पत्र।


देहरादून
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस के प्रणेता किशोर उपाध्याय ने सूखे के कारण तबाह हो चुके प्रदेश के सीमांत क्षेत्र के किसानों को तुरन्त राहत पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखा है। यहां जारी एक बयान में किशोर उपाध्याय ने कहा कि सरकारी वसूलियाँ तुरन्त स्थगित की जायँ, सूखाग्रस्त क्षेत्र के हर किसान परिवार को दस हजार रूपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाय, बैंक ऋण माफ किये जाये और बिजली-पानी के बिल सरकार वापस ले। उन्होंने कहा कि राज्य में वनाधिकार कांग्रेस के एजेण्डे को लागू किया जाय।जंगलों पर पुश्तैनी और कस्टमरी हक-हकूक और अधिकार बहाल किये जायँ और उनका आकलन कर क्षतिपूर्ति दी जाये।
उपाध्याय ने कहा कि “मैंने अभी प्रदेश के विभिन्न भागों का भ्रमण किया है और कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के दौर में दिये गये सरकारी निर्देशों के पालन करते हुये गरीब सीमान्त किसानों की दुर्दशा के वह स्वयं प्रत्यक्षदर्शी है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है, कोरोना की बीमारी के कारण मजबूरी में बाहर गये कमाऊ पूत वापस अपने घर आ गये हैं और बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं, अवसादग्रस्त हो रहे हैं या यों भी कह सकते हैं कि परिवार पर बोझ बनते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर कई स्थानों पर अतिवृष्टि ने किसानों को जन और धन की हानि पहुँचाई है।उन्होंने कहा कि इस समय पर्वतीय क्षेत्र का अधिकांश भाग सूखे की मार झेल रहा है।आप तो जानते ही हैं, पहाड़ी क्षेत्र की खेती-किसानी बारिश पर निर्भर है।पर्याप्त पानी न बरसने के कारण पहाड़ी क्षेत्र का काश्तकार भुखमरी की कगार पर है। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध के कारण आश्चर्यजनक परिवर्तन टिहरी-उत्तरकाशी के बांध प्रभावित क्षेत्र में आ गये हैं और जहाँ यह अनुमान था कि बांध में पानी भर जाने के बाद आद्रता बढ़ेगी और पर्याप्त बारिश होगी, ठीक उल्टा हो रहा है, बारिश नहीं हो रही है।

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