Friday, May 17, 2024
ट्रैंडिंग न्यूज़दिल्ली

फर्जी जनहित याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई चिंता

नई दिल्ली — दिल्ली उच्च न्यायालय ने फर्जी या ब्लैकमेल करने जैसी जनहित याचिकाओं की संख्या बढ़ने को लेकर गुरुवार को चिंता जाहिर की और कहा कि आजकल हर कोई इस तरह की याचिकाओं का चौम्पियन हिमायती बन गया है और सुपर पुलिस कमिश्नर जैसा बर्ताव कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जलान की पीठ ने दक्षिण दिल्ली में कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे हुक्का बार के खिलाफ एक जनहित याचिका पीआईएल पर विचार करने से इंकार करते हुए कहा कि आजकल ज्यादातर पीआईएल फर्जी हैं या फिर ब्लैकमेल करने जैसी हैं। हर कोई इस तरह की पीआईएल दायर करने का हिमायती बन गया है। पीठ ने कहा कि एक भी जनहित याचिका कर की अदायगी नहीं होने या कर चोरी के बारे में नहीं दायर की गई तथा सिर्फ अवैध निर्माण या अनधिकृत भवनों के खिलाफ मुख्य रुप से याचिकाएं दायर की गई। पीठ ने टिप्पणी की कि हर कोई चारों ओर सुपर पुलिस कमिश्नर आयुक्त की तरह घूमते हुए कह रहा है कि इस कानून का उल्लंघन हो रहा है, उस कानून का उल्लंघन हो रहा है। देश के किसी भी शहर को लेते हैं, किसी भी कानून को ले लेते हैं और आप कई सारे उल्लंघन पाते हैं। लेकिन किसी को भी कर चोरी का या कर का भुगतान नहीं होने का दृष्टांत नहीं दिखता। पीठ ने कहा कि वह याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति देती है, साथ ही कोई जुर्माना नहीं लगा रही है क्योंकि याचिकाकर्ता अदालत में काम करने वाले एक क्लर्क हैं और यह महामारी का समय भी है। हुक्का बार के खिलाफ पीआईएल पर पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अदालत का एक क्लर्क है जिसने इस तरह के किसी भी एक प्रतिष्ठान को पक्षकार नहीं बनाया, ना ही इस बात का जिक्र किया कि कौन सा बार नियमों का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि सिर्फ सामान्य आरोप लगाये हैं। उच्च न्यायालय ने कहा कि पीआईएल दायर करने से पहले याचिकाकर्ता को कुछ तैयारी करनी चाहिए। पीठ ने कहा कि वह याचिका को वापस लिए जाने की अनुमति देती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *