Saturday, May 4, 2024
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भाकियू नेताओं ने प्रदूषण विभाग के अफसरों को कार्यालय से बाहर निकालकर तालाबंदी की

शारिक खान

मुजफ्फरनगर — खेतों में पराली जलाये जाने के मामले को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिला कार्यालय का घेराव करते हुए धरना दिया। इस दौरान भाकियू नेताओं ने विभागीय अफसरों को कार्यालय से बाहर निकालकर तालाबंदी कर दी और उनको बन्धक बनाकर धरने पर बैठा लिया। प्रदर्शन की खबर मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मचा दिखायी दिया। सिटी मजिस्ट्रेट पुलिस बल को लेकर मौके पर पहुंचे। घंटों तक हंगामा जारी रहा। इस दौरान भाकियू नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें किसानों को पराली के लिए मुआवजा दिये जाने और प्रदूषण फैलाने पर फैक्ट्रियों के साथ ही नगरीय निकायों पर कार्यवाही करने की मांग की गयी।
बता दें कि खेतों में पराली जलाये जाने को लेकर  प्रदूषण फैलने पर किसानों पर जुर्माना लगाने की कार्यवाही की जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी किसानों पर पंजाब और हरियाणा की भांति कार्यवाही होने से उबाल बना हुआ है। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एनसीआर में आने वाले जनपदों में ज्यादा सख्ती की जा रही है। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने अंादोलन शुरू कर दिया है। मंगलवार को जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के नेतृत्व में सैंकड़ों किसान कमल सिनेमा बिल्डिंग परिसर में पहुंचे और वहां पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय का घेराव करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। भाकियू नेताओं ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय में तालाबंदी करते हुए विभागीय अफसरों को भी बन्धक बना लिया और अपने धरने पर बैठाये रखा। इसकी जानकारी मिलने पर प्रशासन में हलचल मच गयी। सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार मय फोर्स वहां पहुंचे, उन्होंने भाकियू नेताओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने बन्धक बनाये गये अफसरों को छोड़ने से इंकार कर दिया। भाकियू नेताओं ने कहा कि पराली जलाने के नाम पर विभिन्न जनपदों में किसानों पर जुर्माना लगाने के साथ ही मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही तेजी से की जा रही है, जबकि यूपी का किसान पराली नहीं जलाता है। यहां के अफसरों को पराली और फसल अवशेष के बीच का अन्तर समझ नहीं आता है। उन्होंने कहा कि किसानों का खेतों में हुक्का भरना भी अब मुसीबत बन गया है। उससे भी प्रदूषण फैलने की बात कहकर कार्यवाही की जा रही है, जबकि किसान खेती और कृषि वानिकी के सहारे पर्यावरण की रक्षा कर रहा है। इसके लिए किसानों को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। आज सरकार ने खेती करना भी अपराध की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का मुख्य कारण बड़े बड़े कल-कारखाने, निर्माण कार्य और नगरीय निकायों का जलता कूड़ा किसी अधिकारी व सेटेलाइट की पकड़ में नहीं आ रहा है। इस दौरान भाकियू जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान।   व   नगर अध्यक्ष shahid aalam  ने CM  योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन अफसरों को सौंपा।

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