संवेदनशील व्यक्ति ही साहित्यकार-पद्मश्री डॉ. संजय
रुड़की
अस्थि शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में तीन बार गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड बना चुके पद्मश्री डॉ. बीकेएस ‘संजय’ ने कहा कि संवेदनशील व्यक्ति ही साहित्यकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में संवेदनशीलता पहला गुण होना चाहिए तभी वह देश और समाज के लिए उपयोगी बन सकता है। रुड़की में साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन के घर पहुंचे डॉ. संजय का स्वागत करते हुए श्रीगोपाल नारसन ने उन्हें अपनी दोनों पुस्तकें ‘श्रीमद्भागवत गीता शिव परमात्मा उवाच’ और ‘विविधताओं का शहर रुड़की’ भेंट की।