उत्तर कोरिया गया अमेरिकी सैनिक नहीं लौटना चाहता घर, अपने देश से मोह भंग
प्योंगयांग
सीमा पार कर उत्तर कोरिया पहुंचे अमेरिकी सैनिक का बड़ा बयान आया है। उसने अपने देश से मोह भंग की बात कही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया ने बुधवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है कि अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग उसकी सीमा में घुसा था। उसने दावा किया कि पिछले महीने भारी सुरक्षा व्यवस्था वाली सीमा को पार कर उत्तर कोरिया में प्रवेश करने वाले अमेरिकी सैनिक ने अपने देश के समाज की असमानता और उसकी सेना में नस्ली भेदभाव से निराश होकर ऐसा किया था। यह अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग को हिरासत में लेने की उत्तर कोरिया की पहली आधिकारिक पुष्टि है। दक्षिण कोरिया में तैनात ट्रैविस किंग 18 जुलाई को एक सीमावर्ती गांव के दौरे के दौरान उत्तर कोरिया में घुस गए थे। वह लगभग पांच वर्षों में उत्तर कोरिया में हिरासत में लिए जाने वाले पहले अमेरिकी बन गए। उत्तर कोरियाई अधिकारियों की मानें तो किंग ने उन्हें बताया कि उन्होंने उत्तर कोरिया में प्रवेश करने का फैसला किया क्योंकि उनके मन में अमेरिकी सेना के भीतर अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्ली भेदभाव के विरुद्ध भावनाएं थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि किंग ने उत्तर कोरिया या किसी तीसरे देश में शरण लेने की इच्छा भी व्यक्त की और कहा कि वह अमेरिकी समाज में मौजूद असमानता से निराश हैं। किंग के अवैध रूप से सीमा प्रवेश के मामले में जांच जारी रहेगी। वहीं अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य ने उत्तर कोरिया पर विदेशी बंदियों से राजनयिक छूट छीनने का आरोप लगाया है। कुछ विदेशी बंदियों ने अपनी रिहाई के बाद कहा कि उत्तर कोरिया की हिरासत में रहते हुए उनके अपराध की घोषणा दबाव के तहत की गई थी। अमेरिकी रक्षा विभाग की एक अधिकारी ने मामले की संवेदनशीलता के कारण नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अमेरिका के पास किंग के बारे में उत्तर कोरिया के दावों को सत्यापित करने का कोई तरीका नहीं है। और पेंटागन किंग को अमेरिका वापस लाने के लिए सभी उपलब्ध माध्यमों के जरिए काम कर रहा है।