युवा अपनी ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण में लगाएः कटिकिथला
हरिद्वार। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी के निदेशक श्रीनिवास आर कटिकिथला ने कहा कि आप संवेदनशील बनिए, अपना दिल और मन को साफ रखिए और अपनी ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण में लगायें। तभी राष्ट्र का नवनिर्माण होगा। यह बातें उन्होंने देवसंस्कृति विश्व विद्यालय के 43वां ज्ञानदीक्षा समारोह में कही। योग में गिनिज बुक रिकार्डधारी व देसंविवि के पूर्व छात्रा स्मिता कुमारी को देवंसस्कृति एलुमनाई अवार्ड प्रदान किया गया।
गुरुवार को समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि कटिकिथला, कुलपति शरद पारधी एवं प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने किया। नवप्रवेशी विद्यार्थियों को पुष्पवर्षा कर आत्मीय स्वागत किया गया। सेवा के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विवि के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को कटिकिथला ने विशिष्टता प्रमाण पत्र भेंटकर सम्मानित किया। श्रीनिवास आर कटिकिथला ने कहा कि युवाओं में खूब ऊर्जा होती है। हमारे संस्थान में आने वाले प्रत्येक आईएएस प्रशिक्षु युवा होते हैं। उन्हें भी निःस्वार्थ भाव से सेवा करने के लिए प्रशिक्षण व संकल्प दिलाया जाता है। कटिकिथला ने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आपको जो शिक्षण दिया जा रहा है, अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति, परिवार, समाज व राष्ट्र निर्माण इन चारों का समन्वय व्यक्ति के कल्याण में होना चाहिए। यहां जो शिक्षा प्राप्त करेंगे, उसे समाज में दिल खोल कर बांटिए, बहुत खुशी मिलेगी। देश का भविष्य आपके हाथों में है।
इस दौरान देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या वर्चुअल जुड़े और नवप्रवेशी विद्यार्थियों को ज्ञानदीक्षा के सूत्रों से दीक्षित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञानदीक्षा संस्कार विद्यार्थियों को नवजीवन प्रदान करने वाला है। जीवन में आध्यात्मिकता को उतारने का यही श्रेष्ठ अवसर है। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि ज्ञानदीक्षा संस्कार छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण एवं संस्कृति के गौरव के प्रति जागरूक बनाने का एक महत्वपूर्ण आदर्श विधान का नाम है। इस अवसर पर इससे पूर्व श्रीनिवास ने वीर शहीदों की याद में बने शौर्य दीवार पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।