प्रसिद्ध ढोल वादक जगत लाल का निधन
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की लोक संस्कृति ढोल कला के ज्ञाता विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत बजीरा के प्रसिद्ध ढोल वादक जगत लाल 58 वर्ष का निधन हो गया है। वे जागर,मंडाण, नगेला देवता के ढोल वादक, नौ खम्भी नौबत लगाने वाली स्तुतियों से देवता अवतरित करवाते थे। उन्होंने जनपद रुद्रप्रयाग व टिहरी गढ़वाल के कई गांवों में ढोल वादन की संस्कृति को बढ़ावा देने का काम किया था। जखोली ब्लाक की लस्या पट्टी स्थित बजीरा गांव में वर्ष 1960 को जगत लाल का जन्म हुआ। बालपन से ही देव स्तुतियों के प्रति उनका रुझान था और ढोल विधा में वे पारंगत थे। जगत लाल ने नागेन्द्र देवता को अठ्ठारह ताली व नौ खम्भी नौबत के साथ ही जागर,मंडाण व मेलों में ढोल की थाप पर स्तुतियां गाकर लोगों के मन पर छाप छोड़ी। उनकी ख्याति लस्या पट्टी से जनपद टिहरी गढ़वाल के हिन्दाव पट्टी में भी फैली थी। उन्हें ढोल-दमाऊं के साथ ही नगेला देवता सहित अन्य धार्मिक गीतों के गायन में भी महारत हासिल थी। नागेन्द्र इंका बजीरा के प्रधानाचार्य शिव सिंह रावत ने बताया कि जगत लाल हमारी समृद्ध संस्कृति के अहम हिस्सों में नगेला देवता जागर व मन्डाण में अतुलनीय योगदान दिया है। जिसके लिए सरकार को इस विधा के संरक्षण के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। जगत लाल के निधन पर क्षेत्रीय लोगों में प्रधानाचार्य शिव सिंह रावत, नागेन्द्र देवता रावल बसंत सिंह राणा, सतीश राणा, पूर्व प्रधान जीत सिंह राणा, राजकीय शक्षिक संघ के पूर्व मण्डलीय मंत्री शिव सिंह नेगी, प्रधानाचार्य गोविंद सिंह नेगी, उम्मेद लाल, मालचंद रावत, रघुवीर सिंह चौहान आदि ने श्रद्धांजलि दी है।