Monday, May 20, 2024
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पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ बर्बरता

 

पाकिस्तान में हिन्दुओं में जन्म लेना एक अपराध बन गया है। यहां कट्टरपंथी मजहबी लोगों का वहां के अल्पसंख्यकों खासकर हिन्दुओं सिखों के साथ दमनकारी बर्बरता का सिलसिला जारी है। हाल ही में हिन्दुओं के संगठन ने कराची प्रेस क्लब और सिंध विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन कर हिन्दुओं के साथ की जा रही बर्बरता और हिन्दू लड़कियों के अपहरण बलात धर्मांतरण व जबरन मुस्लिमों के साथ निकाह कराने के खिलाफ पुरजोर मांग उठाई। वहां की सरकार बेशक लोकतंत्र और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजामात का दावा करे लेकिन यह सिर्फ ढोंग और दिखावे के अलावा कुछ नहीं है। हिन्दू समुदाय को किसी अदालत सरकार या पुलिस से न्याय की उम्मीद करना यहां बेमानी है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान में एक और हिंदू डॉक्टर की हत्या का मामला सामने आया है। डॉ बीरबल जेनानी कराची में आंखों के सर्जन थे। गत 30 मार्च को कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने उनकी कार पर हमला किया और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। आए दिन पाकिस्तान में हिंदू समुदाय पर होने वाले हमलों और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं में बढ़ती जा रहीं हैं । इसी कड़ी में ताजा मामला अब कराची से सामने आया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अज्ञात बंदूकधारियों ने कराची के आई सर्जन डॉ बीरबल जेनानी की गोली मारकर हत्या कर दी। बीरबर जेनानी पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में महानगर निगम के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक थे। खबरों के मुताबिक जब वह रामस्वामी से अपने सहायक डॉक्टर के साथ गुलशन-ए-इकबाल जा रहे थे तभी कुछ अज्ञात हमलावरों ने उनकी कार को निशाना बनाया।
अभी करीब एक माह पहले ही एक साठ साल के वयोवृद्ध हिन्दू डॉक्टर के खून से होली खेली गई। इस डाक्टर का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने समुदाय के साथ रंग से होली खेली थी जो उसके मुस्लिम ड्राइवर को बर्दाश्त नहीं हुआ। यह वारदात पाकिस्तान के हैदराबाद में अंजाम दी गई। 60 साल के डॉक्टर धरम देव राठी स्किन स्पेशलिस्ट थे।
पाकिस्तान की एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर राठी अपने घर में अकेले रहते थे। उनके पास दो नौकर और एक ड्राइवर था। वो दो साल पहले हेल्थ डिपार्टमेंट में सीनियर पोस्ट से रिटायर हुए थे। उनकी पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। कुछ दिन बाद राठी भी वहां शिफ्ट होने वाले थे। डॉक्टर राठी पाकिस्तान के कई हिस्सों में मेडिकल कैम्प लगाकर स्किन पेशेंट का मुफ्त में इलाज भी करते थे। सिंध सरकार ने उन्हें अवॉर्ड भी दिया था।
एक अन्य वारदात पाकिस्तान के लाहौर शहर की है जहां हिंदू छात्रों को एक इस्लामी संगठन के कार्यकर्ताओं ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। यह घटना पंजाब यूनिवर्सिटी के न्यू कैंपस में हुई है, जो मुख्य शहर से 12 किलोमीटर दूर है। एक पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, कैंपस में होली का त्योहार मनाने को लेकर हुए इस विवाद में हिंदू समुदाय के कम से कम 15 छात्र घायल हो गए हैं। होली त्योहार के कार्यक्रम का आयोजन कर रहे संगठन सिंध काउंसिल ने दावा किया कि उनके पास आयोजन की परमिशन थी। इसके बावजूद इस्लामी जमायत तुल्बा नाम के संगठन के मेंबर्स ने उनके ऊपर हमला बोल दिया। इसके बाद हिंदू छात्रों को पत्थरों और अन्य चीजों से पूरे कैंपस में दौड़ाकर पीटा गया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ है, लोग इस वीडियो को देखकर पाकिस्तान सरकार की निंदा कर रहे हैं। इस घटना की शिकायत पाकिस्तानी पंजाब पुलिस से की गई।
पंजाब यूनिवर्सिटी के न्यू कैंपस में लॉ कॉलेज के 30 हिंदू छात्रों ने होली का त्योहार मनाने की तैयारी की थी। इसके लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से लिखित इजाजत भी ले ली गई थी। जब ये छात्र त्योहार मनाने के लिए जमा हुए तो अचानक वहां एक मुस्लिम छात्र संगठन आइजेटी के मेंबर पहुंच गए और हिंदू छात्रों को रोकने लगे। सोशल मीडिया पर शेयर हुए वीडियो के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच मौखिक विवाद चल रहा था कि मेंबर्स ने हिंदू छात्रों पर हमला बोल दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई। तभी वहां यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स भी पहुंच गए, जो हाथों में बैटन लिए हुए थे। हिंदू छात्रों का आरोप है कि सिक्योरिटी गार्ड्स ने भी मेंबर्स के साथ मिलकर हिंदू छात्रों को ही पीटना शुरू कर दिया। इससे हिंदू छात्र वहां से भागने लगे। इसके बाद उन्हें दौड़ते हुए भी पीटा गया।
इससे पहले भी कराची में हिंदू मेडिकल छात्रा की हत्या की गई थी। छात्रा का नाम नम्रता चंदानी था। नम्रता लरकाना के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज में डॉक्टर और प्रोफेसर थीं। नम्रता का शव उनके हॉस्टल के कमरे में पलंग पर मिला था। गले में रस्सी बंधी हुई थी। पुलिस ने इसे खुदकुशी बताने की कोशिश की थी। बाद में मेडिकल रिपोर्ट्स आईं तो साफ हो गया कि नम्रता की रेप के बाद हत्या की गई है। नम्रता का भाई विशाल और पिता भी डॉक्टर हैं। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने सरकार से इस मामले की सही जांच की मांग की थी।हैरानी की बात है कि उस वक्त पाकिस्तान ने इस मामले की जांच के लिए एक फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई थी और इसके दोनों जजों ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। इस मामले में नम्रता के दो साथियों को हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पेशावर शहर में पिछले साल जून में एक सिख डॉक्टर की उनके क्लीनिक में घुसकर हत्या कर दी गई थी। सतनाम सिंह नाम के इस डॉक्टर को चार गोलियां मारी गईं थीं। उस वक्त सिंह क्लीनिक में मरीजों का चेकअप कर रहे थे। आरोपी फरार हो गए थे। हमलावरों की संख्या एक से ज्यादा थी। ये लोग सतनाम के क्लीनिक में घुसे और उन पर फायरिंग शुरू कर दी। गंभीर हालत में सिंह को लेडी रीडिंग हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
पाकिस्तान में कट्टरपंथी विचारधारा के चलते अल्पसंख्यकों पर जुल्म का सिलसिला पिछततर साल से जारी है। वहां हिन्दुओं सिखों के साथ दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जाता है। यही नहीं अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को जबरन धर्मांतरण कर बड़ी आयु के मुस्लिमों के साथ निकाह कराने की वारदातें आम हैं। हर साल करीब एक हजार हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कर मुस्लिम युवकों के साथ निकाह कराया जा रहा है जबकि इनमें से सैकड़ों के साथ दरिंदगी की वारदातें सामने आती हैं। वहीं आए दिन धार्मिक स्थलों पर हमले किए जाते हैं। दुनिया का कोई मानवाधिकार संगठन सख्ती से इस जुल्म और हैवानियत के खिलाफ सख्त आपत्ति व आवाज नहीं उठा रहा है। सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के एक दो मानवाधिकार संगठन कभी कभी इस तरह की बर्बर वारदातों को लेकर नोटिस जारी कर देते हैं लेकिन पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ बर्बरता जारी रहती है।

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