चांद पर कब्जे की फिराक में चीन
चीन स्पेस प्रोग्राम की आड़ में अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। इंडो पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन की रिपोर्ट में नासा के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन अपने स्पेस प्रोग्राम का इस्तेमाल आर्थिक, सैन्य और तकनीकी ताकत को बढ़ाने के लिए कर रहा है। ऐसा करके चीन अमरीका जैसी बड़ी ताकतों को चुनौती देना चाहता है। नासा के अधिकारी बिल नेल्सन ने पॉलिटिको नाम की वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चीन चांद के एक हिस्से पर साइंटिफिक रिसर्च फैसिलिटी बना रहा है।आशंका इस बात की है कि चीन बाद में इस इलाके पर कब्जा कर सकता है। ऐसी आशंका इसलिए भी है, क्योंकि अंतरिक्ष के नियम पहले आओ, पहले पाओ की तरह काम करते हैं। चीन ने पिछले साल एक स्पेस स्टेशन बनाया था, जिसने चांद से कई सैंपल इकऋा करने के लिए अलग-अलग मिशन भेजे थे। चीन की चांद के साउथ पोल पर एक लूनर रिसर्च स्पेस स्टेशन बनाने की योजना भी है, जिसके साल 2025 में शुरू होने की संभावना है। चीन लगातार स्पेस में इंटर करने की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। चीन 2023 में 200 स्पेसक्राफ्ट लांच करने के साथ ही 60 स्पेस मिशन भी करेगा। इसके तहत वो शेनझाऊ-16, शेनझाऊ-17 और तियानझाऊ-6 कार्गो क्राफ्ट के जरिए कई फ्लाइट मिशन को अंजाम देगा।