Monday, May 20, 2024
राष्ट्रीयसमाचार

कांग्रेस के अपने और पराये

 

अगर यह कहा जाए कि कांग्रेस आज अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है तो इसे राजनीति की भावना से न देखा जाए। इस संघर्ष में जुटे लोगों को अपने और पराये को समझना होगा। पार्टी में शामिल सभी लोग कांग्रेस के अपने है और दूसरी पार्टी में रहते हुए जो कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, वे पराये हैं। आश्चर्य तब होता है जब कांग्रेस के अपने पराये जैसा आचरण करते हैं और पराये अपनापन दिखाते हैं। कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे मल्लिकार्जुन खडगे और राहुल-सोनिया को भी इस पर गौर करना पड़ेगा। राहुल गांधी ने पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में वीर विनायक सावरकर के बारे में बयान देकर शिवसेना के सामने असमंजस पैदा कर दिया था और शिव सेना सांसद संजय राउत को यहां तक कहना पड़ा था कि इससे महा विकास अघाड़ी गठबंधन टूट सकता है। इतना सब होते हुए भी संजय राउत ने राहुल गांधी के कुशलक्षेम वाली फोन काल को आधार बनाकर रिश्ते सुधारने का बयान दिया है। उधर, कांग्रेस के युवा नेता सचिन पायलट राजस्थान में फिर वही गलती करने जा रहे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर चुके हैं। सचिन पायलट के समर्थक राहुल गांधी की यात्रा को रोकने की धमकी दे रहे हैं। इससे समर्थको का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन सचिन पायलट का भविष्य जरूर अंधकार में जा सकता है।
वीर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद शिवसेना की कांग्रेस से अनबन की खबरें आ रही थीं। इसी बीच टीम उद्धव के संजय राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ का है। राहुल गांधी ने संजय राउत को फोन करका उनके हालचाल जाना. इसके बाद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी की तारीफ की है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में वीर सावरकर पर टिप्पणी की थी जिससे शिवसेना खफा हो गई थीं। इस बीच संजय राउत का राहुल गांधी की तारीफ करना महाविकासअघाड़ी गठबंधन को लेकर कुछ अच्छे संकेत मिल रहे हैं। कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल गांधी की टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के बाद शिवसेना इस गठबंधन से अलग हो जाएगी, जिसमें शरद पवार की एनसीपी भी शामिल है।
संजय राउत ने ट्वीट किया, राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के बावजूद मुझे रात में फोन किया। उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछा, कहा हमें आपकी चिंता थी। राजनीतिक सहयोगी को झूठे मामले में फंसाया गया और 110 दिनों तक जेल में प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, कुछ मुद्दों पर मजबूत मतभेद के बावजूद अपने राजनीतिक सहयोगी से पूछताछ करना मानवता है। राजनीतिक कटुता के दौर में ये दुर्लभ होते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनों में राहुल गांधी ने सावरकर पर तीखी टिप्पणी की थी। राहुल ने अकोला में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और डर की वजह से उन्हें माफीनामा लिखकर दिया था। राहुल गांधी ने पत्रकारों को सावरकर द्वारा लिखी गई दया याचिका की प्रति भी दिखाई थी। इसके बाद महाराष्ट्र सहित देश की राजनीति में हलचल तेज गई थी।
कांग्रेस के लिए राजस्थान समस्या बनता जा रहा है। एक को समझाने पर दूसरा आंख दिखाने लगता है। मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलौत और सचिन पायलट की जंग में कांग्रेस पिसती नजर आ रही है। अब भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से ठीक पहले राहुल गांधी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के बीच राज्य में चल रही जंग की याद दिलाकर फैसला लेने का दबाव बनाया जा रहा है। सितंबर में पार्टी के खिलाफ बगावत करने वाले और अशोक गहलोत का समर्थन करने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सचिन पायलट द्वारा खुले तौर पर कांग्रेस से कहने के कुछ दिनों बाद ही गुर्जर समुदाय के एक नेता ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अल्टीमेटम दे दिया है। गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने कहा, मौजूदा कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे हो गए हैं और एक साल बचा है। अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है, तो आपका (राहुल गांधी) स्वागत है, नहीं तो हम विरोध करेंगे।
गुर्जर समुदाय राज्य की आबादी का पांच से छह प्रतिशत है और मुख्य रूप से पूर्वी राजस्थान में 40 से अधिक सीटों पर प्रभावशाली है। इस क्षेत्र में वे जिले शामिल हैं, जहां से भारत जोड़ो यात्रा के गुजरने का कार्यक्रम है। समुदाय के सदस्यों के साथ एक बैठक के बाद एक वीडियो बयान जारी कर विजय सिंह बैंसला ने कहा, राहुल गांधी को राजस्थान का दौरा या तो एक गुर्जर मुख्यमंत्री के साथ करना चाहिए या इस मुद्दे पर जवाब के साथ देना चाहिए। विजय सिंह बैंसला ने कहा कि समुदाय ने 2018 में इस उम्मीद के साथ कांग्रेस को वोट दिया था कि एक गुर्जर को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हमने विधायक को वोट नहीं दिया, हमने एक गुर्जर मुख्यमंत्री को वोट दिया। बैंसला ने कांग्रेस सरकार पर गुर्जर समुदाय से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया।
इससे पहले भी बैंसला ने भारत जोड़ो यात्रा रोकने की धमकी दी थी. इसके जवाब में, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने तब कहा था कि राज्य में यात्रा को रोकने का साहस किसी में नहीं है। भारत जोड़ो यात्रा 3 दिसंबर को झालावाड़ से संभावित रूप से प्रवेश करेगी और 20 दिनों में झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर के कुछ हिस्सों को कवर करेगी। राजस्थान कृषि उद्योग बोर्ड की उपाध्यक्ष सुचित्रा आर्य ने भी मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट की नियुक्ति के लिए बल्लेबाजी की। उनसे पहले वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने बाड़मेर में कहा था कि आने वाले समय में किसी नए चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि पायलट ने राज्य में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तभी यह 2018 में सत्ता में आई थी।
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ दिया है। माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर अब राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने 8 नवंबर को एक बार फिर खड़गे को चिट्ठी लिखकर मौजूदा सियासी हालात में दूसरा प्रभारी खोजने की अपील की है। इस चिट्ठी के बाद अब माना जा रहा है कि माकन राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम नहीं करेंगे। माकन पहले ही बाकी पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा दे चुके हैं। अजय माकन ने चिट्ठी में 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों की बगावत और उस पर एक्शन नहीं होने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने लिखा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान आ रही है। 4 दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में राजस्थान का नया प्रभारी नियुक्त किया जाना जरूरी है। भारत जोड़ो यात्रा और उपचुनाव से पहले प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ना कांग्रेस की खींचतान में नया चैप्टर माना जा रहा है।

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