Sunday, April 28, 2024
उत्तराखंड

उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित करने की मांग

 

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में दवा निर्माण सेक्टर में हो रही ग्रोथ के आधार पर उत्तराखंड में राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की एक शाखा स्थापित करने की मांग की है। गुरुवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मांग को रखा। साथ ही सीएम ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून, 2022 के आगे भी जारी रखने का अनुरेाध किया है।

आज दोपहर सीएम ने पीएम से मुलाकात की। सीएम ने कहा कि उत्तराखण्ड देश के फार्मास्यूटिकल हब के रूप में उभर रहा है। देश की कुल 20 फीसदी दवाएं उत्तराखंड में ही बनती हैं। राज्य में स्थापित 03 प्रमुख औद्योगिक संकुलों यथा-देहरादून, हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर में 300 से अधिक फार्मास्यूटिकल निर्माण इकाईयां स्थापित हैं जो 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहीं है। फार्मास्यूटिकल शिक्षा एवं शोध संस्थान की शाखा उत्तराखंड में स्थापित करने की मांग रखते हुए सीएम ने कहा कि इसक लिए जरूर जमीन राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। सीएम ने पिथौरागढ़ में एयरस्ट्रिप से फिक्सडविंग (वायुयान ) हवाई सेवा शुरू करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश देने, कुमांऊ के पौराणिक मन्दिरों को जोड़ने की मानस खण्ड मन्दिर माला मिशन को मंजूरी देने की गुजारिश की। सीएम ने पीएम से लोहाघाट के समीप स्थित मायावती आश्रम आने का निमंत्रण भी दिया।

टीएचडीसी में 25 फीसदी भागीदारी उत्तराखंड को मिले

सीएम ने पीएम को बताया कि टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड भारत सरकार की 75 और यूपी सरकार की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत यूपी विभाजन की तारीख तक टीएचडीसी में हुए पूंजीगत निवेश के आधार पर यह उत्तराखंड को मिलना चाहिए। टीएचडीसी का मुख्यालय व करीब 70 प्रतिशत परियोजनाऐं उत्तराखण्ड राज्य में ही स्थित है। इस समय इस पर सुप्रीम कोर्ट में भी केस विचाराधीन है। सीएम ने अनुरोध किया कि टीएचडीसी इक्विटी शेयर धारिता में यूपी की 25 प्रतिशत अंशधारिता को उत्तराखंड को दिलाने में केंद्र सरकार सहयोग करे।

पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से उत्तराखंड स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, ऊर्जा इत्यादि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास कर रहा है। उनकी अपेक्षा अनुसार वर्ष 2025 में राज्य के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में से एक होगा।

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