Tuesday, May 21, 2024
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सिकंदराबाद हिंसा- राकेश के पिता का छलका दर्द, बोले- जिस बेटे को बनना था सैनिक वह पुलिस की गोली से मारा गया

वारंगल

सेना की वर्दी की लालसा लिए राकेश इस दुनिया को अलविदा कह गया। दरअसल रमेश अग्निपथ योजना के बवाल में पुलिस की गोली से मारा गया। बहन के नक्शेकदम पर सेना में भर्ती होने का जुनून ल‍िए तेलंगाना का डी राकेश तैयार‍ियों में जुटा था। उसने फ‍िटनेस परीक्षा भी पास कर ली थी लेक‍िन कोरोना के कारण ल‍िख‍ित परीक्षा नहीं हो पाई और अब अग्निपथ योजना का ऐलान हो गया। योजना के व‍िरोध में शुक्रवार सुबह सिकंदराबाद स्टेशन पर ह‍िंसक प्रदर्शन क‍िया गया। भीड़ पर रेलवे पुलिस की ओर से फायरिंग में गोली लगने से राकेश की मौत हो गई। राकेश के घरवालों ने कहा क‍ि ज‍िस बेटे को सीमा पर दुश्‍मनों से लोहा लेना था वह हमारी अपनी पुल‍िस की गोली से मार द‍िया गया।
दरअसल शुक्रवार को अग्निपथ योजना को लेकर तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्‍टेशन पर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान पुलिस की फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई थी जबक‍ि कई जख्‍मी भी हुए थे। बाद में पुल‍िस ने युवक की पहचान दामोदर राकेश के रूप में की। राकेश की मौत की खबर से सुनकर उनके कुमारस्वामी और फुलम्मा को झटका लगा। उन्‍होंने कहा क‍ि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका बेटा सैकड़ों अन्य लोगों के साथ केंद्र की अग्निपथ योजना के विरोध में सिकंदराबाद गया था। तेलंगाना में वारंगल के खानापुर मंडल के दबीरपेट गांव के ग्रेजुएशन अंतिम साल के छात्र राकेश ने अपनी शारीरिक फिटनेस परीक्षा पास कर ली थी और वह सेना में जाने के ल‍िए उत्‍साह‍ित था और जल्द ही सेना में शामिल होने की उम्मीद कर रहा था। रिश्तेदारों ने बताया क‍ि राकेश की बहन रमा पहले से ही बीएसएफ में चयन‍ित है और कोलकाता में तैनात है।
राकेश की मौत की खबर सुनकर बेहोश हुए कुमारस्वामी ने होश में आने के बाद कहा क‍ि राकेश अपनी बहन से बहुत प्रेरित था और उसके साथ बीएसएफ और अन्य केंद्रीय बलों के बारे में अक्सर चर्चा करता था। वह राष्ट्र की सेवा करना चाहता था और लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहा था ताकि वह आख‍िरकार अपने सपने को पूरा कर सके। मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है। क्या हुआ है? उन्होंने आगे कहा क‍ि राकेश ने विरोध प्रदर्शन के लिए सिकंदराबाद जाने के बारे में हमें कुछ नहीं बताया…चूंकि उन्होंने इतनी मेहनत की थी, हम भी भारतीय सेना में उनकी भर्ती की उम्मीद कर रहे थे। अब, उनका सपना और हमारी इच्छा दोनों अधूरा रह गई हैं। उनके घर के बाहर जमा हुए अन्य ग्रामीणों ने भी राकेश की सेना में भर्ती होने की उत्सुकता के बारे में बताया।

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