मस्जिद में लाउडस्पीकर का प्रयोग मौलिक अधिकार नहीं: हाईकोर्ट
प्रयागराज। देशभर में लाउडस्पीकर विवाद पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 6 मई को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं हैं। हाईकोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाते हुए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इलाहबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की याचिका को खारिज कर दिया।
बदायूं के बिसौली तहसील के दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था। एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत वाली अर्जी को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी। अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया और अर्जी को खारिज कर दिया। याचिका में हाईकोर्ट से कहा गया था कि मौलिक अधिकार के तहत लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मिलनी चाहिए। जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बुधवार की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई मंे अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार में कतई नहीं आता। गौरतलब है कि यूपी-महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में लाउडस्पीकर पर विवाद जारी है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ यूपी पुलिस का अभियान लगातार जारी है।