Sunday, May 19, 2024
उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी

वाराणसी। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज से शुरु होगा। ये काम कोर्ट के आदेश के बाद किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे आज दोपहर 3 बजे से होगा। मस्जिद के दोनों तहखानों का भी सर्वे होगा, इनमें से एक तहखाने की चाभी प्रशासन के पास और दूसरे की चाभी मस्जिद पक्ष के पास है। इस पूरे सर्वे में तीन से चार दिन का समय लगने का अनुमान है। इस दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी होगी।
कोर्ट में पांच महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी मंजू व्यास और राखी सिंह की एक याचिका आई थी। पांचों याचिकाकर्ता महिलाओं ने कोर्ट से श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने की अपील की थी। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए एडवोकेट अजय कुमार मिश्र को सर्वे कमिश्नर नियुक्त किया है। एडवोकेट अजय कुमार मिश्र को 10 मई को वाराणसी कोर्ट में रिपोर्ट दायर करनी है। सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। अयोध्या के बाद काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में लगातार वाराणसी के सिविल कोर्ट में सुनवाई हो रही है। वाराणसी के सिविल कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाल में ही कोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता कमीशन के जरिये विवादित स्थल के वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने का आदेश जारी किया। सिविल कोर्ट के इस आदेश के बाद अब हंगामा मचा। ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े पक्षकार इसका विरोध कर रहे। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के जॉइंट सेकेट्री एस एम यासीन ने कहा कि वो वीडियोग्राफी के लिए किसी को भी मस्जिद में जाने नहीं देंगे।
उनका तर्क था कि रेड जोन स्थित इस परिसर में आज तक मुस्लिम और सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी ने भी प्रवेश नहीं किया है। वाराणसी सिविल कोर्ट ने इस मामले में पहले 18 अप्रैल को वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया था लेकिन जिला प्रशासन की एक आपत्ति के बाद इस कार्यवाही को रोक दिया गया। इसके बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सिविल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के इस याचिका को खारिज कर दिया जिसके बाद 26 अप्रैल को वाराणसी सिविल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और कोर्ट ने अधिवक्ता कमीशन के जरिए श्रृंगार गौरी और उस परिक्षेत्र में स्थित दूसरे देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और फोटो ग्राफी कराने का आदेश दिया था।

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