Friday, May 3, 2024
उत्तराखंड

गुर्जर प्रतिहार वंश मूल रूप से गुर्जर है: नीरज चौधरी

 

हरिद्वार

अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा द्वारा हरिद्वार जगजीतपुर जमालपुर रोड मित्र वाटिका कॉलोनी में बैठक का आयोजन किया गया। कार्यकर्ताओं को सबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रभारी नीरज चौधरी ने कहां कि गुर्जर सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे। जिन्होने 53 वर्षों तक अखंड भारत पर शासन किया। उनकी पहचान समाज में गुर्जर सम्राट के नाम से ही है। उनके समकालीन शासकों राष्ट्रकूट और पालो ने अपने अभिलेखों में उनको गुर्जर कहकर ही संबोधित किया है। 851 ईसवी मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जरदेश कहा है। सम्राट मिहिर भोज के पौत्र सम्राट महिपाल को कन्नड़ कवि पंप ने गुर्जर राजा लिखा है। उन्होंने बताया कि प्रतिहारो को कदवाहा, राजोर, देवली, राधनपुर, करहाड़, सजन, नीलगुंड, बड़ौदा के शिलालेखों में परमारो को घागसा के शिलालेख, तिलकमंजरी, सरस्वती कंठाभरण में, चालुक्यों को कीर्ति कौमुदी और पृथ्वीराज विजय में, चौहानो को पृथ्वीराज विजय और यादवो के शिलालेखों में गुर्जर जाति का लिखा हुआ है। भारत के इतिहास में 1300 ईसवी से पहले राजपूत नाम की किसी भी जाति का कोई उल्लेख नहीं है। क्षत्रिय कोई जाति नहीं है। क्षत्रिय एक वर्ण है जिसमे जाट, गुर्जर, राजपूत, अहीर (यादव ), मराठा आदि सभी जातिया आती है। उन्होंने बताया कि हमारे सारे प्रमाण मूल लेखों, समकालीन साहित्य और शिलालेखों पर आधारित है। राजपूत समाज के इतिहासकार जब चाहे किसी भी टीवी चैनल पर डिबेट कर सकते है। उत्तराखंड प्रदेश उपाध्यक्ष लाखन गुर्जर ने कहां कि देश मे सर्वप्रथम स्वामीनारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के भारत उपवन में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति स्थापित करवाई गई थी। वहां उनके नाम के समक्ष पट्टिका पर लिखा है महाराज गुर्जर सम्राट मिहिर भोज। उत्तराखंड के पूर्व मुयमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लक्सर हरिद्वार मे और दिल्ली के उपमुयमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोटला मुबारकपुर दक्षिण दिल्ली में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा गुर्जर लिखकर स्थापित करवाई है। ये दोनो व्यक्ति ही राजपूत समाज से है। दिल्ली के पूर्व मुयमंत्री और जाट समाज के नेता स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा ने आज से 20 साल पहले दिल्ली के अंतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे 24 के हिस्से का नाम गुर्जर सम्राट मिहिर भोज मार्ग रखवाया था। उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष अनूप गुर्जर ने कहां कि ग्वालियर और चंबल संभाग में आज भी गुर्जर समाज के गांवो मे गुर्जर प्रतिहार कालीन मंदिरो के अवशेष मौजूद है। इनमे बटेश्वर, नरेश्वर, बरहावली, डांग सरकार प्रमुख है। ग्वालियर किले पर बने तेली के मंदिर और चतुर्भुज मंदिर का निर्माण भी गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने अपने शासनकाल मे करवाया था। हरिद्वार जिलाध्यक्ष राहुल गुर्जर ने कहा कि विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन गुर्जर समाज के गौरव हैं। उनकी एक आवाज़ पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि जगहों के गुर्जर राजा प्रणव सिंह चौंपियन के साथ है। अगर किसी ने उनके बारें में गलत बयान दिया तो इसे गुर्जर समाज बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगा ओर सडकों पर ऊतर कर आंदोलन करेगा। इस अवसर पर चौधरी सुभाष नंबरदार, योगेश गुर्जर, अरूण छौकर, रविन्द्र गुर्जर, मनीष परमार, योगेन्द्र गुर्जर, प्रवीण गुर्जर, ललित गुर्जर, कृष्ण चौहान, रूद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।

 

 

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