संत शिरोमणी बाबा बंशीवाले महाराज का स्मृति दिवस मनाया
हरिद्वार।
स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि ब्रह्मलीन स्वामी बाबा बंशीवाले महाराज संत समाज के मार्गदर्शक व प्रेरणास्रोत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सभी को मानव सेवा का संकल्प लेना चाहिए। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भूपतवाला स्थित अन्नपूर्णा आश्रम में आयोजित बाबा बंशीवाले महाराज के स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन बाबा बंशीवाले बाबा एक महान संत थे। उन पर मां अन्नपूर्णा की अद्भूत कृपा थी। गरीब, असहायों की मदद के लिए उन्होंने देश भर में अन्न क्षेत्रों का संचालन शुरू कर समाज को सेवा की प्रेरणा दी। उनके द्वारा गंगाखेड से प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्प आज भी मानव सेवा का संदेश दे रहे हैं। सभी भक्तों को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए गरीब, असहायों की सेवा में योगदान करना चाहिए। राष्ट्र निर्माण में उनका सहयोग सदैव स्मरणीय रहेगा। ट्रस्टी सतीश गोयल ने कहा कि पूज्य गुरुदेव बाबा बंसी वाले महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार प्रसार में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। ऐसे विद्वान महापुरूष के दिखाए मार्ग पर चलते हुए राष्ट्र सेवा में योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का विशेष स्थान है। गुरू का सदैव सम्मान करने व उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करने वाले भक्तों पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। समाजसेवी रविंद्र त्यागी ने कहा कि सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही बाबा बंशीवाले जैसे महान संत का गुरु के रूप में सानिध्य प्राप्त होता है। गुरु के आशीर्वाद के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है। गुरु द्वारा दी गई शिक्षा ही जीवन भर काम आती है। ब्रह्मलीन बाबा बंसी वाले महाराज ने सभी को मानव सेवा का संदेश देकर संस्कारवान बनाया। उनके बताए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनके आशीर्वाद से कीमती चीज उनके शिष्य के लिए और कुछ भी नहीं हो सकती। गुरु के प्रति हमेशा शिष्य के मन में श्रद्धा होनी चाहिए। तभी शिष्य अपने कार्य को भली-भांति सीख सकता है। इस दौरान आश्रम की ओर से गरीब असहाय लोगों को वस्त्र और भोजन वितरित किया गया।