आज के ही दिन हुआ था चेर्नोबिल हादसा
मास्को
दुनिया ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु हथियारों का दंश देखा है लेकिन परमाणु प्लांटों में हुई घटनाओं के चलते भी लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसी ही एक घटना आज ही के दिन चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुई। आज से लगभग 35 साल पहले 26 अप्रैल 1986 को यूक्रेन के चेर्नोबिल में स्थित न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुई घटना के चलते करीब 1.25 लाख लोग मारे गए थे। इस हादसे का प्रभाव इतना अधिक हुआ कि अभी तक चेर्नोबिल में दोबारा बसने की किसी ने हिम्मत तक नहीं दिखाई है। यहां रहने वाले जीव-जंतु पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। बताया जाता है कि
पावर प्लांट में होने वाले एक नियमित परीक्षण को गलत तरीके से किया गया। इसके बाद प्लांट में हुए दो बड़े विस्फोटों ने रिएक्टर की 1,000 टन की छत को उड़ा दिया। इससे हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की तुलना में 400 गुना ज्यादा रेडिएशन निकला। प्लांट में हुए विस्फोट में दो कर्मचारियों की मौत हुई, वहीं आने वाले महीनों में रेडिएशन के चलते 28 और लोगों की मौत हो गई। दूसरी ओर, रेडिएशन की चपेट में आने की वजह से हजारों की संख्या में लोगों को कैंसर हो गया, जो उनकी मौत की वजह बना। चेर्नोबिल की घटना ने लोगों के बीच न्यूक्लिर प्लांट के खतरे को उजागर किया। साथ ही सोवियत संघ की सरकार की विफलता को भी उजागर किया।
यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 80 मील उत्तर में चेर्नोबिल स्थित है। प्लांट में काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवारों के रहने के लिए न्यूक्लियर प्लांट से कुछ मील की दूरी पर एक छोटे से शहर प्रिपयट को बसाया गया था। चेर्नोबिल पावर प्लांट के निर्माण की शुरुआत 1977 में हुई थी। इस दौरान यूक्रेन सोवियत संघ का हिस्सा था। रूस वहां 1983 तक चार न्यूक्लियर रिएक्टर का काम पूरा चुका था। इसी बीच ये महा हादसा हो गया। आने वाले सालों में दो और रिएक्टर को तैयार करने की योजना बनाई गई थी जो स्थगित करनी पडी।