Friday, April 26, 2024
देश

बिजली के करंट से रिकॉर्ड की सफलता

‘सर! हमारे ही देश के एक उत्तम प्रदेश के विद्युत विभाग ने एक किसान को पिछले सिर्फ 4106 माह का 56 हजार 6 रुपए मात्र का बिजली बिल जमा करवाने का नोटिस थमाया है। क्या इतना पहले बिजली का आविष्कार हो चुका था?Ó इससे पहले कि मैं विद्युत विभाग के इस ‘करंटÓ कारनामे से हतप्रभ एक छात्र के सवाल का कोई जवाब दूं, मेरी कल्पना में कुछ धांसू दृश्य उभर रहे हैं।
किसान महोदय बिजली का बिल ठीक करवाने के लिए क्लर्क से लेकर एग्जि़क्यूटिव इंजीनियर तक अपनी फरियाद लेकर जाते हैं लेकिन सभी से एक ही घिसापिटा जवाब मिलता है ‘इस बार जमा करवा दो, अगली बार एडजस्ट कर लेंगे!Ó अपने खेत-खलिहान गिरवी रखकर किसान जैसे ही भारी-भरकम बिल अदा करता है उसके दिमाग को एक जोर का झटका-सा बहुत ही जोर से लगता है। नये-निराले आइडियों की अनगिनत विद्युत तरंगें उसके मस्तिष्क में दौडऩे लगती हैं।
किसान बिल अदायगी की रसीद लेकर ‘यूरेका-यूरेकाÓ कहते हुए ख़ुशी से उछलता है और गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन कर देता है। कुछ ही दिनों में उसे ‘घरेलू बिजली का प्रथम वैश्विक उपभोक्ताÓ होने का गौरव प्राप्त हो जाता है। अख़बारों में उसका नाम और फोटू छप रहा है। ख़बरिया चैनल उसका इंटरव्यू ले रहे हैं। एक पार्टी ने तो उस किसान को चुनाव में टिकट तक देने का ऑफर कर दिया है। कुछ दवा कंपनियों ने तो उस नौजवान किसान को ‘आउट ऑफ द टर्नÓ कोरोना का टीका लगवाने का भरोसा देकर अपना ब्रांड एंबेसडर बनाने का प्रस्ताव भी दिया है।
गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाकर अपने प्रदेश का नाम रोशन करने वाले किसान को इस मुकाम तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुए उस साधारण क्लर्क को, जिसने तमाम उपलब्ध एवं अनुपलब्ध विभागीय रिकॉर्ड का यत्नपूर्वक गहन शोध करके पिछले साढ़े तीन सौ सालों का बकाया बिल बनाया, प्रदेश सरकार ने तुरंत प्रभाव से सुपरिटेंडेंट के पद पर प्रमोट कर दिया है। यही नहीं राज्य के एक विश्वविद्यालय ने इस नवीनतम शोध कार्य के लिए उन्हें मानद डाक्टरेट की उपाधि से अलंकृत करने का निर्णय लिया है।
एक साधारण से किसान की इस असाधारण सफलता से अति उत्साहित होकर लोग अब जल आपूर्ति विभाग में सिफारिशें लगवा रहे हैं कि किसी तरह उनके नाम भी पिछले कम से कम तीन-चार सौ सालों का पानी का बकाया बिल जारी कर दिया जाए ताकि वे भी ‘डोमेस्टिक वाटर सप्लाई के प्रथम वैश्विक उपभोक्ताÓ होने का दावा कर गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा सकें ताकि सस्ते में ही अमरत्व पा सकें। कुछ लोग तो रिश्वत देने के लिए भी तैयार हैं।

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