Tuesday, May 7, 2024
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पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर आधा सच बता रही मोदी सरकार

नई दिल्ली……

देश की राजधानी दिल्ली में इनदिनों पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपये प्रति लीटर है। वहीं डीजल 79.70 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। मोदी सरकार का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते ऐसा हुआ है। लेकिन ये सच आधा है, क्योंकि ईंधन की कीमत तब भी महंगी थी जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम थी। हालत ये है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पेट्रोल की कीमत 51 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 52 रुपये 91 पैसे पर बिक रहा है। यानी पड़ोसी देशों के मुकाबले भी भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं।

आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने से भारत में भी पेट्रोल डीजल सस्ता होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कम हुई,तब केंद्र और राज्य सरकारों ने ज्यादा टैक्स लगाना शुरू किया। सरकार ने भी इस अवसर का इस्तेमाल अपना राजस्व बढ़ाने के लिए किया। कोरोना के कम होते असर से अब ईंधन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ने लगी है। कोविड वैक्सीन के आने का असर ईंधन की कीमतों में उछाल से देखा गया। ईंधन की कीमत इसकारण भी बढ़ रही है, क्योंकि कई देशों ने उत्पादन कम कर बहुत नियंत्रित तरीके से बाजार में ईंधन की सप्लाई की जा रही है।

केंद्र सरकार ने 2020 की शुरुआत से अब तक पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32.98 रुपये प्रति लीटर कर दी है वहीं डीजल पर इसे 31.83 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया है। कई राज्यों ने सेल्स टैक्स भी बढ़ाया है। दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पर वैट बढ़ाया है। फिलहाल इस समय दिल्ली में दिल्ली और केंद्र सरकार मिलकर पेट्रोल पर बेस प्राइस का 180 प्रतिशत टैक्स ले रहे हैं, वहीं डीजल पर बेस प्राइस से 141 प्रतिशत टैक्स वसूला जा रहा है। पेट्रोल पर वैट  राजस्थान 36, मध्य प्रदेश 33, दिल्ली 30, उत्तर प्रदेश 26.80, पंजाब 25 प्रतिशत टैक्स वसूल रहे हैं। इसी तरह डीजल पर भी वैट या सेस वसूला जा रहा है।

अमेरिका, चीन और ब्राजील की बात करें तब वहां इस समय लोग पेट्रोल और डीजल पर ठीक एक साल पहले की तुलना में कम कीमत दे रहे हैं। अमेरिका में एक साल पहले के मुकाबले 7.5 प्रतिशत , चीन में 5.5 प्रतिशत और ब्राजील में 20.6 प्रतिशत कम कीमत ग्राहक चुका रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के महंगे होने को खाने-पीने की चीजों के सस्ते होने ने बैलेंस कर दिया है। कुल मिलाकर जनवरी में महंगाई कम रही है। हालांकि जो लोग काफी ट्रैवल करते हैं,उन्हें महंगा होता ईंधन काफी दिक्कत दे रहा होगा। शहरों में लोग महंगे होते पेट्रोल डीजल से ज्यादा परेशान हैं जबकि गांवों में सिंचाई के लिए महंगा होता डीजल किसानों को परेशान कर रहा है।

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