Monday, April 29, 2024
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तपोवन सुरंग में फंसे 34 लोगों के रेस्क्यू में जुटे आईटीबीपी, एनडीआरएफ व अन्य एजेंसियों के जवान

चमोली…….

उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन में एक बड़ी सुरंग के अंदर फंसे 34 लोगों को बचाने के लिए आईटीबीपी, एनडीआरएफ समेत कई एजेंसियों ने अभियान चला रखा है। इस बीच चमोली आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। जबकि, 202 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल के कई दल रविवार रात से ही सुरंग से मलबा हटाते हुए सुरंग में फंसे मजदूरों की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक इसरो और डीआरडीओ की मदद से पूरी तबाही को परखा जा रहा है, ताकि जल्दी से रिकवरी की जा सके। आईटीबीपी प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया कि उनकी टीम सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रात से ही प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव अभियान में खास उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होने कहा कि उम्मीद है कि हम जल्दी ही सभी लोगों को बचा लेंगे।

उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर काफी मलबा है। सुरंग के भीतर 100 मीटर के रास्ते को साफ कर दिया गया है तथा और 100 मीटर तक मलबे को हटाया जाना है। घटनास्थल पर फिलहाल आईटीबीपी के करीब 300 कर्मचारी तैनात हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 12 फुट ऊंची ‘हेड रेस टनल या एचआरटीश् में करीब 34 लोग फंसे हुए हैं। स्थानीय मजदूरों के साथ आईटीबीपी के दल अर्थमूवर्स मशीनों की मदद से 1500 मीटर लंबी सुरंग के पास मलबा साफ करने में जुटे हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि सुरंग में जाने का केवल एक रास्ता है। जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम श्वान दस्ते की भी मदद ले रही है। एनडीआरएफ के प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया कि एमआई-17 हैलिकॉप्टरों की मदद से घटनास्थल पर और दलों को भेजा गया है। ये हेलिकॉप्टर जोशीमठ में हैलिपेड पर उतरे। अभियान की निगरानी कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेडिकल कोर समेत सेना की कुछ टीम भी वहां पहुंच गई हैं।

अधिकारी ने कहा कि बाढ़ में इन परियोजनाओं के सुपरवाइजरों के बह जाने के कारण दिक्कतें आ रही हैं। अगर वे होते तो लापता लोगों की बेहतर तरीके से पहचान हो पाती। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, हमें बताया गया है कि करीब 10-11 लोग उत्तराखंड के थे, 50 या ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के और कुछ लोग बिहार के थे।

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