किसान अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं और ऐसे में संत खामोश नहीं रह सकते ब्रह्मचारी
बलिया……..
करपात्री आश्रम के महंत अभिषेक ब्रह्मचारी ने सामाजिक संस्था युवा चेतना द्वारा जिला मुख्यालय के मालदेपुर मोड़ पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश के किसान अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं और ऐसे में संत खामोश नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि देश की मौजूदा परिस्थितियों से चिंतित होकर उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है। ब्रह्मचारी ने कहा देश में गोवंश की हत्या पर पाबन्दी लगाने की मांग को लेकर धर्म सम्राट करपात्री एवं संतों ने 7 नवम्बर 1966 को संसद भवन के सामने धरना दिया था, वह करपात्री का ही अनुसरण कर देश हित में किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है, परंतु मोदी सरकार हठवादी रुख अख्तियार करते हुए नए कृषि कानून को वापस लेने की बजाय किसानों को प्रताड़ित करने में जुटी हुई है।