टीकरी और सिंघु बार्डर पर स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प
नई दिल्ली —-
संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है, जिसका नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। दो महीनों से जारी इस आंदोलन से कई किसान संगठनों ने खुद को अब अलग कर लिया है। उन्होंने ट्रैक्टर परेड के बाद लाल किले पर हुए हिंसा के बाद यह फैसला लिया है। हालांकि कुछ संगठनों का प्रदर्शन आज भी जारी है। टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर जारी आंदोलन के दौरान आज हंगामे की खबर सामने आई है। किसानों के इस प्रदर्शन का विरोध करने के लिए आज टीकरी बॉर्डर पर कुछ लोग पहुंचे। वे खुद को स्थानीय निवासी बता रहे थे। इसके बाद मौके पर हंगामा शुरू हो गया। संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है, जिसका नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं। दो महीनों से जारी इस आंदोलन से कई किसान संगठनों ने खुद को अब अलग कर लिया है। उन्होंने ट्रैक्टर परेड के बाद लाल किले पर हुए हिंसा के बाद यह फैसला लिया है। हालांकि कुछ संगठनों का प्रदर्शन आज भी जारी है। टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर जारी आंदोलन के दौरान आज हंगामे की खाबर सामने आई है। किसानों के इस प्रदर्शन का विरोध करने के लिए आज टीकरी बॉर्डर पर कुछ लोग पहुंचे। वे खुद को स्थानीय निवासी बता रहे थे। इसके बाद मौके पर हंगामा शुरू हो गया। सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के दौरान दिल्ली पुलिस का एक एसएचओ घायल हो गया। झड़प होने के बाद पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इसके बाद से यहां सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई। उपद्रव को देखते हुए सुरक्षा बल की दस कंपनी को तैनात किया गया है। भारतीय किसान यूनियन के नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार हठधर्मी हो रही है, अगर सरकार चाहती तो फैसला बहुत जल्दी हो जाता। अगर मुद्दे का हल नहीं होता तो गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन चलेगा। प्रशांत कुमार कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश ने कहा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर कल और आज सुरक्षा व्यवस्था इसलिए बढ़ाई गई ताकि इस दौरान ऐसे लोग न घुस जाए जिससे वहां हिंसा फैले। पूरे उत्तर प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी है और किसानों से लगातार वार्ता चल रही है।