Sunday, May 5, 2024
ट्रैंडिंग न्यूज़दिल्ली

बदायूं कांड से सामने आई महिलाओं की कठिनाई, महिलाओं के प्रति नहीं बदल रहा सामाजिक दृष्टिकोंण

नई दिल्‍ली —

देश में महिला सुरक्षा और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों को लेकर वर्षो से आवाज उठ रही है, लेकिन फिर भी इन घटनाओं में कमी नहीं आई है। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में 50 साल की महिला के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। इसी बीच महिलाओं की मुश्किलों को समझने और उनकी मदद के लिए बनाए गए राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य द्वारा इस मामले पर असंवेदनशील बयान देना हैरान करने वाला है।

उन्होंने कहा अगर शाम के समय वह महिला अकेले नहीं गई होती या परिवार का कोई सदस्य साथ में होता तो शायद ऐसी घटना नहीं घटती। उनके इस विवादित बयान की काफी आलोचना हो रही है। हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांग ली है, पर उनके इस बयान से समाज में एक नकारात्मक संदेश तो गया ही है। उन्होंने अपराधियों को उनके अपराध का बोध कराने के बजाय पीड़िता पर ही सवाल उठाकर उनके हौसले बुलंद करने का काम किया है। सच तो यह है कि महिलाएं आज के जमाने में कहीं पर भी सुरक्षित नहीं हैं।

हमारे देश में जितनी असुरक्षित घर से बाहर अकेली जाने वाली महिलाएं हैं उतनी ही घर में रहने वाली महिलाएं भी असुरक्षित हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक सन 2019 में देश में दुष्कर्म के हर रोज 84 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके आधार पर हम आकलन कर सकते हैं कि देश में महिलाओं को लेकर स्थिति कितनी खराब है। इसमें पहले के मुकाबले आज भी कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला है। महिलाएं इस कुंठित होते समाज में हर पल घुट-घुटकर जीने को मजबूर हैं। निर्भया कांड हो या उन्नाव या फिर हैदराबाद कांड, इन सभी मामलों में हर बार आरोपियों की ऐसी ही घृणित मानसिकता सामने आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *