यूके और अफ्रीका के कोरोना स्ट्रेन पर भी प्रभावी है फाइजर वैक्सीन = कंपनी
नई दिल्ली —
दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों के लिए नया यूके और अफ्रीकी स्ट्रेन अजीब तरह की उलझनें लेकर आया है। सरकार से लेकर आम आदमी तक परेशान है कि क्या पुरानी वैक्सीन भी इन नए स्ट्रेन पर प्रभावी होगी? अब जर्मन कंपनी बॉयोटेक ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन यूके और अफ्रीका के स्ट्रेन पर भी प्रभावी है। बॉयोटेक ने अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित की है जिसका वैक्सिनेशन अमेरिका और यूके में शुरू भी हो चुका है। सामान्य तौर पर दुनियाभर में इसे फाइजर की वैक्सीन के नाम से ही जाना जा रहा है। भारत में भी इस वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की अनुमति मांगी गई है। गौरतलब है कि फाइजर की वैक्सीन के इस्तेमाल की सबसे पहले अनुमति ब्रिटेन ने दी थी। इसके बाद अमेरिका और कनाडा जैसे देशों ने भी अपने यहां मंजूरी दी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने टीकाकरण से संबंधी जानकारी देते हुए बताया था कि उम्रदराज लोगों को तेजी से वैक्सीन दी जा रही है। उन्होंने वैक्सिनेशन कार्यक्रम में तेजी लाने पर भी बल दिया है।
हालांकि कुछ जगहों पर फाइजर की वैक्सीन के रिएक्शन की खबरें भी सामने आई हैं। इस बीच भारत भी दुनिया के सबसे बड़े वैक्सिनेशन कार्यक्रम की तैयारियों में लगा हुआ है। शुक्रवार को पूरे देश में वैक्सिनेशन का दूसरा ड्राई रन व्यापक स्तर पर किया गया1 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत ने कम समय में वैक्सीन विकसित कर काबिलेतारीफ काम किया है। कुछ ही दिनों के भीतर अपने देश में वैक्सिनेशन की शुरुआत कर देंगे। भारत में पहले चरण में तकरीबन 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण किया जाना है1 इसमें प्राथमिकता के आधार पर फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों का वैक्सिनेशन किया जाएगा1 पहले चरण के बाद ही अन्य लोगों के वैक्सिनेशन पर विचार किया जाएगा। अभी सरकार की प्राथमिकता में हाई रिस्क वाले लोग ही शामिल हैं।