गहलोत सरकार को हाईकोर्ट से झटका
जयपुर —
हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने गहलोत सरकार को झटका देते हुए शुक्रवार को कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2019 का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी। यह फैसला जज संजीव प्रकाश शर्मा की बेंच ने सीकर के रहने वाले जहीर अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक, महानिरीक्षक पुलिस भर्ती को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता जहीर अहमद के वकील अजाज नबी ने बताया कि, इस याचिका में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की जिलेवार मेरिट जारी करने की प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी। साथ ही कहा गया था कि, पूरे राजस्थान की एक ही मेरिट लिस्ट जारी की जाए। इस पर हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम-1989 के नियम संख्या 25 में प्रावधान है कि सूबे में पुलिस भर्ती में एक ही संयुक्त मेरिट बनेगी। डीजीपी राजस्थान ने इसका स्थायी आदेश भी जारी किया था। राजस्थान पुलिस भर्ती में संयुक्त मेरिट बनाने का प्रावधान था। लेकिन फिलहाल राजस्थान पुलिस मुख्यालय जिलेवार मेरिट बनाते हैं। नियमों से परे इसमें जिलेवार मेरिट का आधार सिर्फ प्रचलित माना गया है। उन्होने बताया कि साल 2013 की पुलिस कांस्टेबल भर्ती में 49.50 प्रतिशत, सीकर जिले की 74 प्रतिशत और दौसा जिले की 71 प्रतिशत मेरिट के आधार पर चयन हुआ। यह भर्ती संविधान और राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों के खिलाफ थी। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता अजाज नबी खुद भी यातायात पुलिस, जयपुर में 24 साल तक कांस्टेबल रहे हैं। बाद में उन्होंने पुलिस सेवा से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया था।