Sunday, May 5, 2024
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नेपाल ने भारत से मांगी कोरोना वैक्सीन


काठमांडू…………

कोविड-19 से लड़ाई के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन की मांग पूरी दुनिया में उठ रही है। नेपाल ने अपनी 20 फीसदी जनसंख्या के कोविड वैक्सीन लगाने में भारत की मदद की मांग की है। एक मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार बुधवार (30 दिसम्बर) के दिन तक, हिमालय की छांव में पले और भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में कोरोना महामारी के चलते 1800 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कोरोना के कारण नेपाल में 2 लाख 60 हजार से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं। नेपाल द्वारा इस महामारी से निपटने की तैयारी शुरू की जा चुकी हैं। जिसमें वह भारत की मदद चाहता है।
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, नेपाल की सरकार ने अपनी 20 प्रतिशत जनता के वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार को एक पत्र लिखा है। अखबार के अनुसार नेपाल वैक्सीन का पैसा भारत के माध्यम से देना चाहता है। भारत में दो वैक्सीन जिसमें ऑक्सफोर्ड का एस्ट्राजेनेका भी शामिल है और स्वदेशी भारत बायोटेक वैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल की फाइनल स्टेज पर पहुंच चुकी है। नेपाली हेल्थ मंत्रालय के हवाले से खबर लिखते हुए काठमांडू पोस्ट ने लिखा है कि हमने अपनी 20 प्रतिशत जनता के लिए जल्दी से जल्दी वैक्सीन खरीदने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया है। नेपाल बाकी देशों से भी वैक्सीन प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान में ढहाया गया मंदिर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह के कारक जिले में हुए मंदिर पर हमले में पाकिस्तान पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने रातों-रात दबिश देकर मामले से जुड़े 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के मंदिर पर हुए हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने निंदा की थी। यह जानकारी पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द डॉन से मिली है।
द डॉन के अनुसार, स्थानीय पुलिस का कहना है कि उन्होंने 14 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इन लोगों को भीड़ में शामिल होने और उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जानकारी दी कि अभी और भी तलाशियां की जा रही हैं। गौरतलब है कि मौलानाओं की अगुवाई में प्रांत में भीड़ ने मंदिर में आग लगा दी थी। चश्मदीद बताते हैं कि इस भीड़ का नेतृत्व एक स्थानीय मौलाना और धार्मिक राजनीतिक पार्टी के समर्थक कर रहे थे।
गौरतलब है कि हिंदू मंदिर पर हमला तब हुआ जब समुदाय के कुछ लोगों ने स्थानीय अधिकारियों से मंदिर को रेनोवेट कराने की अनुमति मिली थी। अखबार के अनुसार, मौलानाओं की समिति की सिफारिश के बाद एक हफ्ते पहले सरकार ने हिंदू नागरिकों को इस्लामाबाद में नए मंदिर निर्माण की अनुमति दी थी।

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