गर्दन में लगे ऑक्सीजन अलार्म को बंद कर देता है कोरोना
नई दिल्ली —
कोविड से पीड़ित लोगों में हैरान करने वाली जो कई किस्म की परेशानियां सामने आ रही हैं उन्हीं में से एक है सुप्त हाइपोक्सीमिया। यह वो अवस्था है, जिसमें रोगी के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो जाता है मगर उसे इस बात का पता ही नहीं चलता है। ऐसे केस में रोगी की तबीयत अचानक बिगड़ जाती है और यह स्थिति जानलेवा साबित होती है। दिमाग इसे पढ़ ही नहीं पाता, जिसकी वजह से इस अवस्था को हैप्पी हाइपोक्सिया कहा जाता है। सामान्य शब्दों में कहें तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी पैदा हो रही होती है मगर दिमाग को पता ही नहीं चलता और वो न तो कोई लक्षण पैदा करता है और ना ही बचाव में कोई काम करता है। कोविड मरीजों में ऐसा क्यूं होता है इसकी सटीक जानकारी तो अभी तक सामने नहीं आ पाई है मगर एक हालिया अध्ययन ने इस पहेली पर कुछ प्रकाश जरूर डाला है। यह अध्ययन जनरल फंक्शन में छपा है। अध्ययन के मुताबिक, हमारी गर्दन के दोनों ओर करोटिड धमनी से सटे हुए सूक्ष्म अंग होते हैं। इन्हें करोटिड बॉडीज कहा जाता है। इनका काम होता है शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन की मात्रा को भांपना। जब भी शरीर में ऑक्सीजन में कमी और कार्बन डाईऑक्साइड की अधिकता होती है तो ये अंग दिमाग को सिग्नल भेजते हैं, तब दिमाग हरकत करता है। दरअसल, कोराना संक्रमित ऐसे कई मरीज अस्पतालों में पहुंचे जिन्हें भयंकर किस्म का निमोनिया था और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी थी। हैरान करने वाली बात यह होती थी कि मरीज ऐसा कुछ बताते ही नहीं थे जिससे यह अंदाजा लगाया जा सके कि उनके खून में ऑक्सीजन घट रही है। मसलन अगर ऐसा कुछ होता है तो लोगों को घुटन जैसा महसूस होता है, उनकी सांस तेज चलने लगती है। मगर हैप्पी हाइपोक्सिया में मरीज ऐसी कुछ प्रतिक्रिया देता ही नहीं। ऐसे में अचानक ही शरीर जवाब देने लगता है और वह बहुत कम समय में गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है। सेवाइल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिसिन के कई शोधकर्ताओं ने इस अवस्था पर विस्तृत अध्ययन के बाद पाया कि कुछ लोगों में करोना करोडिट बॉडी को इस कदर प्रभावित कर देता है कि वह अपना काम भूल जाते हैं। शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरने के बावजूद वह दिमाग को कोई संदेश नहीं भेजते। अभी तक जो भी जानकारी शोधकर्ताओं के हाथ लगी है उसपर परीक्षण चल रहा है। अगर आगे की शोध में यह बात और पुख्ता तरीके से सामने आती है तो मुमकिन है कोविड के मामले में मरीजों के ऑक्सीजन स्तर को अन्य तरीकों से जांचने के साथ करोडिट अंगों को दुरुस्त रखने के भी इंतजाम किए जाएं।