Saturday, May 4, 2024
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विश्व स्तरीय वैज्ञानिक समाधान के लिए भारत के पास डेटा, मांग और लोकतंत्र हैरू पीएम मोदी

नई दिल्ली ——

भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आई.आई.एस.एफ.) – 2020 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुआ। इस वर्ष विज्ञान महोत्सव को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया जा रहा है और यह 22 से 25 दिसंबर, 2020 तक चलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि, यह महोत्सव विज्ञान का उत्सव है। उन्होंने कहा कि, भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की एक समृद्ध विरासत है। हमारे वैज्ञानिकों ने अग्रणी शोध कार्य किया है और वैश्विक समस्याओं का समाधान प्रदान करने में हमारा तकनीकी उद्योग सबसे आगे है। लेकिन, भारत इससे भी आगे बढ़कर और अधिक करना चाहता है। पीएम मोदी ने कहा कि, हम अतीत को गर्व के साथ देखते हैं लेकिन एक बेहतर भविष्य भी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, हमारे सभी प्रयास भारत को वैज्ञानिक शिक्षा के लिए सबसे भरोसेमंद केंद्र बनाने के उद्देश्य से हैं। साथ ही, हम चाहते हैं कि हमारा वैज्ञानिक समुदाय सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रतिभाओं के साथ साझा और विकसित हो। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए उठाए गए कदमों में से एक भारतीय वैज्ञानिकों को अवसर प्रदान करना और सही मार्गदर्शन देने के लिए हैकाथॉन में भाग लेना है।

पीएम ने कहा कि, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कम उम्र से ही वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि, अब ध्यान लागत की बजाय परिणामों तक तथा पाठ्यपुस्तकों से हटकर शोध और आवेदन तक आ चुका है। नई शिक्षा नीति शीर्ष गुणवत्ता वाले शिक्षकों के एक पूल के निर्माण को प्रोत्साहित करेगी। इस दृष्टिकोण से नवोदित वैज्ञानिकों को भी मदद मिलेगी। मोदी ने कहा कि, यह कार्य अटल इनोवेशन मिशन और अटल टिंकरिंग लैब द्वारा पूरा किया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान करने के लिए सरकार, देश की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को उनकी क्षमता और रुचि के अनुसार अनुसंधान करने में प्रोत्साहित करने के वास्ते प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्‍येता (पीएमआरएफ) योजना चला रही है। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि, यह योजना शीर्ष संस्थानों में वैज्ञानिकों की सहायता कर रही है। पीएम ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लाभों को सभी तक पहुंचाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी अभाव और प्रभाव की खाई को पाटने में सेतु का काम कर रहे हैं। ये गरीब से गरीब व्यक्ति को भी सरकार के साथ जोड़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि, डिजिटल प्रगति के साथ, भारत वैश्विक उच्च तकनीक शक्ति के विकास और क्रांति का केंद्र बन रहा है। विश्व स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य, संपर्क सुविधा और ग्रामीण समस्याओं के समाधानों को प्राप्त करने के लिए आज के भारत के पास डेटा, जनसांख्यिकी और मांग है। इन सबसे ऊपर, भारत में इन सभी को संतुलित और संरक्षित करने के लिए लोकतंत्र है। पीएम मोदी ने कहा कि, इसीलिए दुनिया को भारत पर भरोसा है। हमारे देश में पानी की कमी, प्रदूषण, मिट्टी की गुणवत्ता, खाद्य सुरक्षा जैसी कई चुनौतियां हैं, जिनके लिए आधुनिक विज्ञान के पास समाधान मौजूद है। हमारे समुद्र से पीने योग्य पानी, ऊर्जा और खाद्य संसाधनों की तेजी से खोज में भी विज्ञान की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि, भारत इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए डीप ओशन मिशन चला रहा है और उसने इसमें सफलता हासिल की है। विज्ञान के नए आविष्कारों का लाभ वाणिज्य और व्यापार में भी मिलता है।

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