Sunday, May 19, 2024
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लव जिहाद – जबरन धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम के नजरिए से नाजायज, फतवा जारी

बरेली, ———–

देश में  श्लव जिहादश् को लेकर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इसके खिलाफ अध्यादेश लाया गया है इसको लेकर सुन्नी मुसलमानों की आस्था का अहम केंद्र मानी जाने वाली दरगाह आला हजरत से जुड़े एक संगठन ने इसका समर्थन करते हुए फतवा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम के नजरिए से नाजायज है। राष्ट्रीय सुन्नी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतजार अहमद कादरी ने दरगाह आला हजरत परिसर में स्थित मरकज-ए-दारुल इफ्ता के मुफ्तियों से सवाल पूछा, ‘क्या कोई मुस्लिम लड़का किसी गैर मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए फरेब यानी धोखाधड़ी कर के उसका मजहब बदलवा सकता है? इसके अलावा क्या शरीयत में लव जिहाद का कोई वजूद है?’

इसके जवाब में दारुल इफ्ता के अध्यक्ष मुफ्ती मुसीबुर्रहमान रजवी ने फतवा दिया है। फतवे में कुरान और शरीयत की रोशनी में कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है। दारुल इफ्ता के उलमा ने प्रदेश सरकार द्वारा गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराए जाने के खिलाफ लाए गए अध्यादेश का समर्थन किया है। यह फतवा सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। श्लव जिहादश् के बारे में पूछे गए सवाल पर फतवे में कहा गया है कि इस्लाम में ऐसी किसी भी चीज की कोई जगह नहीं है, यह सामाजिक बुराई है जो पश्चिमी सभ्यता से फैली है, लव अंग्रेजी शब्द है जबकि जिहाद अरबी का शब्द है और इनका एक दूसरे से संबंध नहीं है, शरीयत की नजर में लव जिहाद की कोई हैसियत नहीं है। बता दें कि दरगाह आला हजरत सुन्नी बरेलवी मसलक की अकीदत का मरकज है। इसकी दुनिया भर में अलग पहचान है। यहां से मुसलमानों को विभिन्न विषयों पर मजहबी लिहाज से जानकारी भी दी जाती है।

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