Thursday, May 16, 2024
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हाई कोर्ट ने कहा- जिंदा रहोगे, तभी तो कोई त्योहार मना पाओगे

नई दिल्ली —

छठ पूजा के सामूहिक आयोजन पर पाबंदी को लेकर विपक्ष की किरकिरी झेल रही अरविंद केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने भी छठ पर पाबंदी लगाने के सरकार के फैसले को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि छठ पूजा के सामूहिक आयोजन की अनुमित देने पर कोविड-19 महामारी में तेज वृद्धि की आशंका रहेगी। वहीं, उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने भी दिल्ली सरकार को कुछ इलाकों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने एलजी के जरिए केंद्र सरकार से कोरोना हॉटस्पॉट एरियाज में कुछ गतिविधियों पर पाबंदी लगाने की अनुमति मांगी थी। दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ छठ पूजा के आयोजन की अनुमति लेने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी। इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि श्जिंदा रहोगे, तभी तो कोई त्योहार मना पाओगे। हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका ठुकरा दी कि लगता है याचिकाकर्ता को दिल्ली के हालात की जानकारी नहीं है। ऐसे हालातों में भीड़ इकट़्ठा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
दरअसल, त्योहारी सीजन में लोगों ने काफी लापरवाही बरतते हुए कोविड-19 महामारी से बचान के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाईं। ऊपर से प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने आग में घी का काम किया और राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना विस्फोट होने लगा। दिल्ली सरकार ने फिर से भीड़ जुटने की आशंका में छठ पूजा के सामूहिक आयोजन पर रोक लगाने का फैसला किया। इस मुद्दे बीजेपी और कांग्रेस, दोनों विपक्षी दलों ने केजरीवाल सरकार को निशाने पर ले लिया। इसी कड़ी में दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद ने मनोज तिवारी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अपशब्द बोल कर कहा कि गाइडलाइंस के नाम पर झूठा ड्रामा किया जा रहा है।
दरअसल, दिल्ली में पूर्वांचलियों की संख्या अच्छी-खासी है। इस कारण वो चुनावों में प्रभावी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार जहां छठ पूजा पर पाबंदी को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है तो बीजेपी इस फैसले को पूर्वांचलियों के खिलाफ बताने में जुटी है। इस बीच हाई कोर्ट का फैसला केजरीवाल सरकार के लिए वाकई किसी राहत से कम नहीं है। बहरहाल, नीति आयोग ने भी कहा है कि दिल्ली में श्अभूतपूर्व हालातश् पैदा हो गए हैं जो आगामी सप्ताह में और बिगड़ सकते हैं। उसने आशंका जताई कि दिल्ली में प्रति 10 लाख कोविड-19 महामारी से पीड़ितों की दर मौजूदा 361 से बढ़कर 500 तक पहुंच सकती है। आयोग ने त्योहारों में कोरोना से बचाव के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाने को इसकी बड़ी वजह बताया है। आने वाले हफ्तों में हालात और खराब होने की आशंका में कई राज्यों से पैरामिलिट्री डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को दिल्ली भेजा जा रहा है। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ समवार से दिल्ली पहुंचने लगे हैं ताकि शहर के अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिहाज से मैनपावर बढ़ाई जा सके।

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