राष्ट्रपति ने नहीं दिया अमरिंदर को मिलने का समय, अब जंतर-मंतर पर धरना देंगे, सिद्धू से पुलिस की नोंकझोंक
नई दिल्ली
कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय नहीं मिलने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजघाट की जगह, दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देने का निर्णय लिया है। एक ट्वीट में कैप्टन ने कहा कि राज घाट पर महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। हम अपने किसानों के मुद्दों को उठाएं और केंद्र द्वारा पंजाब को माल गाड़ियों की तत्काल बहाली की मांग करेंगे। कार्यक्रम को राजघाट से जंतर मंतर तब्दील करने का निर्णय दिल्ली पुलिस के आग्रह पर किया गया है। वहीं दिल्ली के धरने में शामिल होने आ रहे कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को सुबह पंजाब-दिल्ली सीमा पर रोक लिया गया। इस दौरान वहां पुलिस से नोकझोंक भी हुई। सिद्धू समेत कई विधायक भी पंजाब भवन पहुंच चुके है।
सिद्धू ने कहा कि यहां लोकतंत्र को डंडातंतर बनाने की कोशिश की जा रही है। ये हम अहिंसक तरीके से संघर्ष कर रहे है, लेकिन फिर भी पुलिस और प्रशासन की तरफ से ऐसे रोकना निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार को किस बात का डर है, जो पंजाबियों को दबाने में लगी हुई है परन्तु पंजाबी किसी से नहीं दबे और न ही दबेंगे। सिद्धू ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास कोई लिखित निर्देश नहीं हैं और न ही उनको गिरफ्तार किया जा रहा है, बल्कि रास्ते में रोक लिया गया है।
पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जत्थेबंदियों में भारी रोष है। सियासत का समीकरण भी पूरी तरह से बदला हुआ दिखाई दे रहा है। इसी मामले में पंजाब विधानसभा द्वारा पास बिलों को लेकर मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह 4 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करना चाहते थे, परन्तु उन्हें समय नहीं मिल पाया। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने धरना प्रदर्शन को आगे बढ़ाने का निर्मय लिया है।