Thursday, May 16, 2024
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इंडिया हृदयेश ने संवितपात्रा व अनिल बलूनी का जताया आभार

इन्हीं नेताओं ने कराया था अस्पताल में भर्ती

हल्द्वानी

राजनीतिक मंचों पर भले ही नेता एक-दूसरे के खिलाफ आग उगलते हों लेकिन पर्दे के पीछे इनके बड़े भावनात्मक संबंध होते हैं. इसकी बानगी तब देखने को मिली जब उत्तराखंड की वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश बीमार हो गईं. इंदिरा को अचानक निमोनिया के साथ कोरोना हो गया. इसके बाद इंदिरा का पहले हल्द्वानी फिर देहरादून और इसके बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज हुआ. अब तक कम ही लोग जानते हैं कि गुरुग्राम के मेदांता में इलाज करवाने के लिए इंदिरा हृदयेश की मदद उनकी धुर प्रतिद्वंद्वी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने की… ये नेता हैं उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा।
कोरोना संक्रमित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष और राज्य की सियासत में बोल्ड पॉलीटिशियन की छवि रखने वाले नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के लिए भी इलाज पाना आसान नहीं रहा. उन्होंने इसका खुलासा एक बातचीत में किया है।
इंदिरा हृदयेश ने बताया कि देहरादून के मैक्स अस्पताल में बेड न मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली या गुरुग्राम के किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने का फैसला किया. लेकिन उकने लिए यह काम आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें बीजेपी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और हमेशा कांग्रेस पर आग उगलने वाले बीजेपी के दूसरे राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा का सहारा लेने पड़ा।
इंदिरा हृदयेश ने बताया कि बलूनी और पात्रा से उनके बेटे सुमित हृदयेश ने फोन पर बात की. इसके बाद दोनों बीजेपी प्रवक्ताओं ने इंदिरा के इलाज की व्यवस्था की. बलूनी और पात्रा की बदौलत इंदिरा को हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित मल्टी स्पेश्यलिटी हॉस्पिटल मेदांता में इलाज मिल सका. स्वस्थ्य होने के बाद कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश इन दोनों बीजेपी नेताओं का शुक्रिया कर रही हैं जिनकी बदौलत उन्हें समय पर बेहतर इलाज मिल सका।
इंदिरा को 16 सितंबर को बुखार आया था. 18 सितंबर को उन्हें हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां कोरोना के साथ निमोनिया होने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद इंदिरा को देहरादून के मैक्स अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया गया. 20 सितंबर को इंदिरा को एयरलिफ्ट कर देहरादून ले जाया गया. मैक्स अस्पताल में पांच घंटे तक इंतजार के बाद भी नेता प्रतिपक्ष को बेड नहीं मिला।
हालांकि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और सीएम ऑफिस से भी मैक्स अस्पताल में इंदिरा हृदयेश को बेड देने को कहा कहा गया था. अंततः उन्हें लिए देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ ही घंटे बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं अनिल बलूनी और संबित पात्रा से बात के बाद इंदिरा हृदयेश को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां वह 12 दिन तक भर्ती रहीं।

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