अयोध्या विवाद पर जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करेंगे समर्थन
दीपक तिवारी
सहारनपुर—— देवबंद में दिवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान इस्लामिक संस्था जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि फैसला हमारे पक्ष में हो या विपक्ष में हमें मान्य होगा. जमीयत उलमा-ए-हिन्द सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन करेगी
देवबंद के प्रकाश होटल में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने दिवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जिले के भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ स्थानीय नेताओं ने भी शिरकत की. जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सभी लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए कहा कि हम लोगों को आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए.
मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या मसले पर बोलते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मान्य होगा. वह फैसला चाहे मंदिर के पक्ष में आए या मस्जिद के पक्ष में हम फैसले का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि देश हमारा है, कानून हमारा है और कोर्ट भी हमारा है, ऐसे में कोर्ट के फैसले को मानना हम सब की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस फैसले को न मानकर झगड़ा करेंगे वह अपनी कौम और अपने देश को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. जमीयत उलमा-ए-हिन्द ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करती है।
देवबंद के प्रकाश होटल में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने दिवाली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में जिले के भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ स्थानीय नेताओं ने भी शिरकत की. जमीयत उलमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सभी लोगों को दिवाली की बधाई देते हुए कहा कि हम लोगों को आपसी भाईचारे के साथ रहना चाहिए.
मौलाना अरशद मदनी ने अयोध्या मसले पर बोलते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मान्य होगा. वह फैसला चाहे मंदिर के पक्ष में आए या मस्जिद के पक्ष में हम फैसले का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि देश हमारा है, कानून हमारा है और कोर्ट भी हमारा है, ऐसे में कोर्ट के फैसले को मानना हम सब की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जो लोग इस फैसले को न मानकर झगड़ा करेंगे वह अपनी कौम और अपने देश को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे. जमीयत उलमा-ए-हिन्द ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करती है।