Wednesday, May 8, 2024
उत्तराखंडट्रैंडिंग न्यूज़प्रदेश की खबरें

राज्यसभा सीट पर भाजपा की जीत पक्की, बस प्रत्याशी का इंतजार

देहरादून —
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखंड की एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव कार्यक्रम तय कर दिए जाने के बाद अब भाजपा में गहमागहमी शुरू हो गई है। अभी तक कांग्रेस के खाते में रही इस सीट का अब भाजपा के पास जाना तय है, क्योंकि राज्य विधानसभा का गणित पूरी तरह उसके माकूल है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राज बब्बर का कार्यकाल आगामी 25 नवंबर को समाप्त हो रहा है। जीत तय होने से भाजपा के कई दिग्गजों की नजर इस सीट पर टिकी हुई है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। हालांकि भाजपा ने राज्य के बाहर से किसी नेता को टिकट थमाया तो किसी और का भी नंबर लग सकता है।
उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद इसके हिस्से राज्यसभा की तीन सीटें आईं। वर्तमान में दो सीटों पर कांग्रेस व एक सीट पर भाजपा काबिज है। कांग्रेस से राज बब्बर के अलावा प्रदीप टम्टा उत्तराखंड से राज्यसभा में हैं। भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य हैं। राज बब्बर वर्ष 2015 में कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य मनोरमा डोबरियाल शर्मा के निधन के कारण रिक्त हुई सीट के उप चुनाव में जीत दर्ज कर राज्यसभा पहुंचे थे। मनोरमा डोबरियाल शर्मा नवंबर 2014 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुई थीं। राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष होता है, लिहाजा इस सीट पर उपचुनाव जीते राज बब्बर का कार्यकाल आगामी 25 नवंबर को पूरा हो जाएगा।
भाजपा के लिए इस बार राज्यसभा सीट का चुनाव अब तक का सबसे आसान चुनाव साबित होने जा रहा है। दरअसल, 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 57 विधायक हैं। साफ है कि इस गणित के मुताबिक भाजपा आसानी से राज्यसभा चुनाव जीतने की स्थिति में है। यही वजह है कि कई बड़े नेताओं की नजरें इस तरफ हैं। अगर भाजपा किसी स्थानीय नेता पर ही दांव लगाती है तो पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को प्रबल दावेदार समझा जा रहा है। गौरतलब है कि विजय बहुगुणा के नेतृत्व में ही मार्च 2016 में कांग्रेस में टूट हुई थी। तब वह आठ अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए थे। उन्होंने स्वयं वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। भाजपा ने उनके पुत्र सौरभ बहुगुणा को टिकट दिया, जो अब विधायक हैं। फिर वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने कोई दावेदारी नहीं की। भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू का भी इस सीट के लिए दावा माना जा रहा है। लंबे समय तक केंद्रीय संगठन से जुड़े रहने और प्रदेश प्रभारी होने के नाते उनकी भी मजबूत दावेदारी है। इसके अलावा यह भी मुमकिन है कि पार्टी राज्य के बाहर के किसी अन्य बड़े नेता को भी इस सीट पर प्रत्याशी बनाए।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी में विमर्श शुरू हो गया है। पार्टी की कोर कमेटी जो भी नाम तय करेगी, उसे केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व की मुहर के बाद जिसे भी प्रत्याशी बनाया जाएगा, पार्टी उसकी जीत सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि राज्यसभा सीट के प्रत्याशी के चयन पर पार्लियामेंटरी बोर्ड में विचार किया जाता है। यह पार्लियामेंटरी बोर्ड का अधिकार है कि किसे प्रत्याशी बनाया जाए। बोर्ड जो भी नाम तय करेगा, वही पार्टी का राज्यसभा सीट का प्रत्याशी होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *