भाजपा सरकार को अपनों ने ही किया तंग
देहरादून
पिछले विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत लेकर सत्ता में आई भाजपा सरकार को विपक्ष यानी कांग्रेस शायद ही कभी परेशान कर पाई हो, लेकिन अपनों ने जरूर वक्त-बेवक्त असहज किया है। इस बार तो एक के बाद एक, अपनों द्वारा दिया गया यह दर्द सार्वजनिक किरकिरी की हद तक पहुंच गया। भाजपा के एक विधायक के खिलाफ यौन अपराध में पुलिस की जांच प्रगति पर है ही, उधर पार्टी के एक अन्य विधायक पूरण सिंह फत्र्याल ने गलत ढंग से गलत व्यक्ति को दिए गए ठेके को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने तो इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का भी प्रयास किया।
अपनों की चोट यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि और आगे तक पहुंची। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य ने अपने विभागीय निदेशक आइएएस अधिकारी वी. षणमुगम के खिलाफ गायब होने की तहरीर पुलिस को दे दी। रेखा आर्य के अनुसार उनके विभागीय निदेशक पिछले पंद्रह दिनों से गायब हैं और फोन भी बंद आ रहा है। विभाग के सुगम कार्य संचालन के लिए उन्हें खोजा जाना जरूरी है। मंत्री की नाराजगी का यह मसला भी निविदा (ठेके) से ही जुड़ा है। विभाग में मानव संसाधन की आपूद्दत के लिए जिस निविदा प्रक्रिया और जिस एजेंसी को चुना गया, वह मंत्री महोदया को जमा नहीं। निविदा को तुरंत निरस्त करने के आदेश दिए गए, लेकिन अमल नहीं हुआ। जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी को खोजा गया तो मिले नहीं। फोन पर संपर्क करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन उपलब्ध नहीं हुए।