आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर किया सचिवालय कूच
देहरादून – आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन ने अपनी मांगों को लेकर धरना स्थल परेड ग्राउंड से सचिवालय कूच किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारी आशा कार्यकत्रियों को सुभाष रोड पर ही रोक दिया, इस दौरान पुलिस व आशा कार्यकत्रियों के बीच नोंक-झोंक व धक्का मुक्की भी हुई।
आशा स्वास्थ्य कार्यकत्रियां अध्यक्ष संजीव बिश्नोई के नेतृत्व में धरना स्थल पर एकत्रित हुई और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने के पश्चात उन्होंने वहां से सचिवाल कूच किया। पुलिस ने कुछ ही दूरी पर उन्हें बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया। रोके जाने पर उन्होंने वहीं पर धरना दिया। उनका कहना था कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन पूरे में संचालित योजना एनएचएम में लगभग 10 लाख 22 हजार 265 आश वर्कर्स कार्यरत हंै इन आशा कर्मियों के द्वारा ग्रामीण एंव शहरी क्षेत्रों में लोगों को उनके स्वास्थ्य सम्बन्धित आवश्यक सेवाओं के प्रयोग के लिए परामर्श एंव व्यवस्था देने तथा स्वास्थ्य केंन्द्र तक पहुॅचाने में मद्द करते हैं। साथ ही लोगों को साफ-सफाई एवं स्वच्छता के महत्व को बताने, स्वच्छ पेयजल तथा शौचालय आदि बनाने में भी मदद करते हंै। इन कार्यों को करने के एवज में सरकार के द्वारा आशा कर्मियों को कोई मानधन या वेतन नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 5 प्रकार के गतिविधि कार्य हेतु मिलने वाला इन्सेटिव जो 1000 रूपये था वह बढाकर 2000रूपये कर दिया गया है बाकि कार्यो हेतु इसमें कोई बढोत्तरी नही की गई है इस कारण आशा वर्कर्स में हताशा है और ये अपने ठगा सा महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि एनएचएम स्वास्थ्य विभाग उत्तराखण्ड में समस्त प्रोत्साहन धनराशि मानदेय का भुगतान समय से किया जाये। ऑल इण्डिया इंस्टीटियूट आफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल ऋर्षिकेश में जच्चा-बच्चा प्रसव हेतु रेफर किया जाता है। उसकी एवज में भी आशा कार्यकत्रियों को किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशि नहीं मिलती। संगठन ससरकार से मांग करता है कि ऐसी स्थिति में आशा कार्यक्रत्रियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान निर्गत किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। रैली में संजीव बिश्नोई, आरती थापा, ललितेश विश्व कर्मा, गंगा गुप्ता, मीना सिंह, बबीता शर्मा, विजय लक्ष्मी भण्डारी आदि शामिल रहे।